1 अक्टूबर : आज से बैंकिंग, जीएसटी और पेट्रोल-डीजल समेत कइयों में हो रहे हैं बड़े बदलाव, देखें पूरा लिस्ट  

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – आज से देशभर में कई नए नियम लागू हो जाएंगे, जिसका आम आदमी की जेब पर सीधा असर पड़ेगा। बैंकिंग, ट्रांसपोर्टिंग, जीएसटी रेट, कॉर्पोरेट टैक्स, प्लास्टिक के प्रयोग समेत कई चीजें बदल जाएंगी। जानिए 1 अक्टूबर यानि की आज से क्या-क्या बदल रहा है।

एसबीआई नया नियम –
एसीबीआई के नए नियम के तहत बैंक की तरफ से निर्धारित मासिक औसत जमा राशि नहीं रखने पर जुर्माने में 80% तक की कमी आ जाएगी। इसके अलावा मेट्रो सिटी ग्राहकों को एसबीआई 10 फ्री ट्रांजेक्शन देगा जबकि अन्य शहरों के लिए 12 फ्री ट्रांजेक्शन दिए जाएंगे। अभी आपका बैंक अकाउंट अगर मेट्रो सिटी और शहरी इलाके की ब्रांच में है, तो आपको खाते में एवरेज मंथली बैलेंस क्रमश: 5,000 रुपये और 3,000 रुपये रखना होता है।

ओबीसी में होगा ये बदलाव –  
ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC) ने रेपो रेट से लिंक्ड नए रिटेल व एमएसई लोन प्रॉडक्ट लॉन्च किए हैं। ये लोन 1 अक्टूबर 2019 से उपलब्ध होंगे। एमएसई और रिटेल लोन के तहत ओबीसी द्वारा दिए जाने वाले सभी नए फ्लोटिंग रेट लोन रेपो रेट से जुड़ी ब्याज दर पर मिलेंगे। इन नए प्रॉडक्ट्स में रेपो रेट से लिंक्ड होम लोन की ब्याज दर 8.35 फीसदी से शुरू होगी, जबकि एमएसई के लिए लोन की ब्याज दर 8.65 फीसदी से शुरू होगी।

ATM से कैश निकालने बदले नियम –
1 अक्‍टूबर से SBI के एटीएम चार्ज भी बदलने वाले हैं। अब बैंक के ग्राहक मेट्रो शहरों के एसबीआई एटीएम में से मैक्सिमम 10 बार फ्री डेबिट ट्रांजेक्शन कर सकेंगे। अभी यह लिमिट 6 ट्रांजेक्‍शन की है। वहीं, अन्य जगहों के एटीएम से मैक्सिसम 12 फ्री ट्रांजेक्शन किया जा सकेगा।

माइक्रोचिप वाले ड्राइविंग लाइसेंस –
नए नियम के तहत अब ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट का रंग एक समान हो जाएगा। नए नियम के लागू होने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी में माइक्रोचिप के अलावा क्यूआर कोड दिए जाएंगे। हालांकि इसके लिए पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।

होम और ऑटो लोन होंगे सस्ते –
भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो रेट में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए एसबीआई, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन बैंक समेत निजी क्षेत्र के फेडरल बैक ने 1 अक्टूबर 2019 से अपनी खुदरा कर्ज की ब्याज दरों को रेपो रेट से जोड़ने का फैसला किया है। इससे बैंक ग्राहकों को करीब 0.30 प्रतिशत तक सस्ती दरों पर होम और ऑटो लोन मिल सकेगा। बता दें कि अभी तक सभी बैंक एमसीएलआर पर आधारित ब्याज दर से कर्ज देते हैं।

कई चीजों पर कम हुआ GST –
जीएसटी काउंसिल की 37वीं बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए है। इस बैठक में कई चीजों से टैक्स का बोझ कम किया गया है।  जीएसटी काउंसिल की बैठक में  सबसे बड़ी राहत होटल इंडस्ट्री को मिली है। अब 1000 रुपये तक किराए वाले पर टैक्स नहीं लगेगा। वहीं, इसके बाद 7500 रुपये तक टैरिफ वाले रूम के किराए पर अब सिर्फ 12 फीसदी जीएसटी देना होगा. जीएसटी काउंसिल ने 10 से 13 सीटों तक के पेट्रोल-डीजल वाहनों पर सेस को घटा दिया गया है।  काउंसिल ने स्लाइड फास्टनर्स (जिप) पर जीएसटी को 12 फीसदी कर दिया है।

बदल जाएगी पेंशन पॉलिसी –
1 अक्टूबर 2019 से मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों और रक्षा विभाग से जुड़े कर्मियों के लिए पेंशन पॉलिसी में बदलाव करने जा रही है। नए नियम के तहत अगर किसी कर्मचारी की सर्विस को 7 साल पूरे हो गए हैं और उसकी मृत्यू हो जाती है तो उसके परिजनों को बढ़े हुए पेंशन का फायदा मिलेगा। मोदी सरकार ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।

पेट्रोल-डीजल खरीदने पर नहीं मिलेगा कैशबैक –
एसबीआई क्रेडिट कार्ड से पेट्रोल-डीजल खरीदने पर अब आपको 0.75 फीसदी कैशबैक नहीं मिलेगा। नियम लागू होने से पहले ही एसबीआई अपने ग्राहकों को मैसेज भेजकर बता रहा है कि वह 1 अक्टूबर 2019 से इसे बंद करने जा रहा है।

कॉरपोरेट टैक्स में कटौती –
बीते 20 सितंबर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कॉरपोरेट टैक्स में बड़ी कटौती की घोषणा करते हुए इसे 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी कर दिया था।  इसके पहले भारतीय कंपनियों को 30 फीसदी टैक्स के अलावा सरचार्ज देना पड़ता था, जबकि विदेशी कंपनियों को 40 फीसदी टैक्स देना पड़ता था। वित्त मंत्री की इस घोषणा के मुताबिक, 1 अक्टूबर के बाद सेटअप किए गए मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के पास 15 फीसदी टैक्स भरने का विकल्प होगा।  इसके बाद इन कंपनियों पर सरचार्ज और टैक्स समेत कुल चार्ज 17.01 फीसदी हो जाएगा।

ये चीज़ें हो जाएगी महंगी –

ट्रेन के डिब्बे महंगे हो जायेंगे –

रेल गाड़ी के सवारी डिब्बे और वैगन पर जीएसटी की दर को 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया है। पेय पदार्थों पर जीएसटी की वर्तमान 18 फीसदी की दर की जगह 28 फीसदी की दर से टैक्‍स और 12 फीसदी का अतिरिक्त सेस लगाया गया है।

कल से प्लास्टिक बैन –
2 अक्‍टूबर को सरकार प्लास्टिक से बने प्रोडक्‍टस के इस्‍तेमाल पर पाबंदी से जुड़ा अभियान शुरू करेगी। देशभर में प्लास्टिक से बने बैग, कप और स्ट्रॉ पर सरकार पाबंदी लगाने की तैयारी कर रही है। 2 अक्‍टूबर को मोदी सरकार प्लास्टिक से बने 6 प्रोडक्‍टस के इस्‍तेमाल पर पाबंदी से जुड़ा अभियान शुरू करेगी।

जीएसटी रिटर्न का नया फॉर्म लागू –
5 करोड़ सालाना से ज्यादा टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए जीएसटी रिटर्न का फॉर्म 1 अक्टूबर 2019 से बदल जाएगा। ऐसे कारोबारियों को अनिवार्य रूप से जीएटी एएनएक्स-1 फॉर्म भरना होगा, जो जीएसटीआर-1 की जगह लेगा। छोटे कारोबारियों के लिए इस फॉर्म को जनवरी 2020 से अनिवार्य बनाया जाएगा। बड़े करदाता फिलहाल अक्टूबर और नवंबर माह के लिए जीएसटीआर 3बी फॉर्म भरते रहेंगे।