विपक्ष का सीधा सवाल – मुख्यमंत्री डीपी कब मंजूर करेंगे?

पुणे : समाचार ऑनलाईन –  मुख्यमंत्री येवलेवाड़ी का डीपी (विकास रूपरेखा) कब मंजूर करेंगे? एक गांव का डीपी अगर आप बना नहीं सकते, तो मनपा में शामिल नए गांवों का डीपी कब होगा? ऐसे सवाल उठाते हुए विपक्षी दलों के नगरसेवकों ने मनपा सभागृह में जोरदार बहस की।

कोर्ट के आदेश के अनुसार पुणे मनपा की सीमा में शामिल येवलेवाड़ी गांव का डीपी विवाद में फंसा है। पिछले वर्ष यह डीपी मंजूर कर मनपा की साधारण सभा ने इसे अंतिम मंजूरी हेतु राज्य सरकार के पास भेजा था। इस डीपी में स्थानीय विधायक योगेश टिलेकर ने कई बदलाव किए। हिल टॉप-हिल स्लोप क्षेत्र बदला गया। राजनीति करते हुए विपक्षी नेताओं-कार्यकर्ताओं की जगह पर आरक्षण डाले गए थे। इस प्रकार के कई आरोप होने से यह डीपी विवाद में फंसा था। आखिर में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उसे रद्द किया था।

मनपा के विपक्षी दलों ने इस विषय पर आंदोलन किया
इस फैसले को बुधवार को एक वर्ष हो गया, इसलिए मनपा के विपक्षी दलों ने इस विषय पर आंदोलन किया। डीपी के बारे में एक वर्ष में कोई भी कार्यवाही नहीं होने से केक काटकर अनोखे पद्धति से राज्य सरकार का विरोध किया गया। इसके बाद सभागृह में इस विषय पर चर्चा हुई। मनसे के मनपा गुटनेता वसंत मोरे, एनसीपी के बाबूराव चांदेरे, इस परिसर के नगरसेवक गणेश ढोरे, गफूर पठान, दत्तात्रय धनकवड़े व विपक्षी नेता दिलीप बराटे ने सत्ताधारी भाजपा पर तीखी टिप्पणी की। येवलेवाड़ी डीपी की वर्तमान स्थिति क्या है? इस बारे में प्रशासन से स्पष्टीकरण मांगा गया था, लेकिन कोई भी स्पष्टीकरण नहीं दिया गया।

एक वर्ष में कोई कार्यवाही नहीं
एक वर्ष में येवलेवाड़ी के डीपी के बारे में कोई भी कार्यवाही नहीं हुई। इसलिए इस परिसर में सार्वजनिक सुविधाएं कैसे बनाई जाएगी? कंस्ट्रक्शन को परमिशन देना शुरू नहीं होने से गैरकानूनी कंस्ट्रक्शनों की संख्या बढ़ रही है। मनपा की इन्कम डूब रही है। ऐसे मुद्दे विपक्षी नगरसेवकों ने उठाए। सत्ताधारी भाजपा की केंद्र, राज्य और पुणे मनपा में भी सत्ता है। फिर भी उन्हें एक गांव का डीपी करने में सफलता नहीं मिल रही। नए 11 गांवों को मनपा में शामिल किया गया है। उनका डीपी कब तैयार किया जाएगा? यह सवाल भी विपक्षी नगरसेवकों ने इस वक्त उठाया।