Osmanabad | जात पंचायत की वसूली से तंग आकर युवक ने की आत्महत्या ; उस्मानाबाद की चौंकाने वाली घटना 

उस्मानाबाद (Osmanabad  News) : Osmanabad | साली के साथ अनैतिक संबंध (Immoral Relations) के संदेह में जात पंचायत (Caste Panchayat) दवारा 2 लाख रुपए का दंड (Fine) लगाकर उसकी वसूली के लिए तगादा किये जाने से तंग आकर उस्मानाबाद (Osmanabad) के युवक ने आत्महत्या (Suicide) कर ली है।  मृतक का नाम सोमनाथ छगन काले (Somnath Chhagan Kale) है। घटना के बाद  जात पंचायत को गिरफ्तार (Arrest) करने की मांग को लेकर मृतक के परिवार वालों ने मंगलवार की दोपहर जिलाधिकारी कार्यालय (District Magistrate Office) के पास धरना दिया था।

 

उस्मानाबाद (Osmanabad) तालुका के पलसप के और फ़िलहाल उस्मानाबाद शहर में रह रहे सोमनाथ काले का अपनी साली के साथ अनैतिक संबंध होने के शक में पारधी समाज (Pardhi Samaj) के कुछ लोगों ने जात पंचायत लगाया था।  इस पंचायत ने सोमनाथ पर 2 लाख रुपए का दंड (Fine) लगाया था।  इसमें से 20 हज़ार रुपए वसूल भी लिए गए थे।  लेकिन शेष 1 लाख 80 हज़ार रुपए के लिए जात पंचायत दवारा तगादा किया जा रहा था।  उसे धमकी दी गई थी कि पैसे देने में देरी करने पर उसे घृणास्पद सजा का सामना करना पड़ेगा।  इससे तंग आकर सोमनाथ और उसकी पत्नी ने 22 सितंबर को जहर खाकर आत्महत्या (Suicide) करने का प्रयास किया था।  लेकिन परिवार ने तत्काल दोनों को हॉस्पिटल (Hospital) में भर्ती कराया।  सोमनाथ की स्थिति ज्यादा ख़राब होने के कारण उसे सोलापुर (Solapur) रेफर कर दिया गया।  लेकिन मंगलवार को  सोमनाथ की मौत (Death) हो गई।  इससे उसके परिवार वाले आक्रोशित हो गए।

 

इस मामले में जात पंचायत (Caste Panchayat) के पंचों पर कार्रवाई कर उन्हें तत्काल गिरफ्तार करने की मांग को लेकर मृतक के परिवार वालों ने जिलाधिकारी कार्यालय के सामने शव के साथ आक्रोश व्यक्त किया।  आख़िरकार प्रतिनिधिमंडल (Delegation) ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर चर्चा की।  तहसीलदार गणेश माली (Tehsildar Ganesh Mali) दवारा संबंधित लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने और इस तरह की घटना दुबारा नहीं होने का आश्वासन देने के बाद परिवार शव को अंतिम संस्कार के लिए लेकर गए।

 

इस मामले में जात पंचायत मुठमाती अभियान के राज्य कार्यवाह कृष्णा चांदगुडे (Krishna Chandgude) ने कहा कि घटी घटना बेहद निंदनीय है।  इसके पीछे जात पंचायत का दबाव होने की जानकारी सामने आई है।  महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने इसके लिए 2007 में सामाजिक बहिष्कार विरोधी कानून (Anti-Social Boycott Act) बनाया था।  इस कानून के तहत जात पंचायत के पंचों पर केस दर्ज हो और उन्हें तत्काल गिरफ्तार (Arrest) किया जाए।  पीड़ित परिवार का पुनर्वसन करने की जरुरत है।