BIG NEWS : कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान करेगा बड़ा फैसला ! आर्मी कोर्ट के बाहर होगी सुनवाई

नई दिल्ली: समाचार ऑनलाइन-  पाकिस्तान, भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव की  सुनवाई को लेकर एक बड़ा फैसला करने जा रहा है. जाधव जासूसी और आतंकवाद के आरोप में पाकिस्तान की जेल में बंद हैं. जाधव को मौत की सजा के खिलाफ अपील करने के लिए मिलिट्री कोर्ट अपने कानून में संशोधन करने जा रही है.

ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार अब कुलभूषण जाधव मामले की सुनवाई आर्मी (मिलिट्री) कोर्ट के बाहर अर्थात सिविलियन कोर्ट में की जा सकेगी. इसलिए अब जाधव अपनी मौत की सजा के खिलाफ सिविल कोर्ट या हाईकोर्ट में अपील कर सकते हैं. पाकिस्तान सेना के इस कदम को इंटरनेशनल कोर्ट (ICJ) के निर्देशों का पालन करने संबंधी पहला प्रयास कहा जा सकता है.

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने पाकिस्तान को लगाई थी फटकार

पिछले महीने कि शुरुआत में इंटरनेशनल सिविल कोर्ट (ICJ) ने कुलभूषण जाधव मामले को लेकर पाकिस्तान को फटकार लगाई थी. क्योंकि कुलभूषण जाधव केस में पाकिस्तान द्वारा वियना समझौते के अनुच्छेद 36 का उलंघन किया गया. ICJ के अध्यक्ष जज अब्दुल्लाकावी यूसुफ ने संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली को बताया कि, पाकिस्तान द्वारा पाकिस्तान द्वारा वियना समझौते के नियमों के मुताबिक कार्रवाई नहीं की गई थी.

ICJ के मुताबिक इस मामले में पाकिस्तान ने संधि के अनुसार जाधव को उसके सारे अधिकार नहीं दिए. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कई बार वियना समझौते का उल्लेख किया था.

 साल 2017 में सुनाई मौत की सजा

अंतर्राष्ट्रीय अदालत ने कहा है कि कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान द्वारा कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस देना चाहिए था.

अप्रैल 2017 में, कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोपों में मौत की सजा सुनाई थी. अब्दुलकवी अहमद यूसुफ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने जाधव की सजा पर पुनर्विचार करने का फैसला दिया है. साथ ही जाधव की फांसी पर भी रोक लगा दी गई है.

साल 2016 में जाधव को किया गया था गिरफ्तार

जाधव को 3 मार्च 2016 को बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार किया था. इसके बाद जाधव पर जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया था. अप्रैल 2017 में, पाकिस्तान कि मिलिट्री कोर्ट ने जाधव को मौत की सजा दी थी.

पाकिस्तान द्वारा भारतीय अधिकारियों को आखिरकार इस साल सितंबर में जाधव तक कांसुलर एक्सेस की अनुमति दी गई, वो भी जाधव की गिरफ्तारी के 40 महीने से अधिक समय के बाद.