Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation | पिंपरी मनपा के 44 अधिकारी, कर्मचारियों के जाति का दावा निकला अवैध

पिंपरी (Pimpri News) : पिंपरी-चिंचवड मनपा (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) के 44 अधिकारी, कर्मचारी जाति सत्यापन के कारण मुश्किल में आ गए हैं। उनका जाति प्रमाणपत्र (Caste Certificate) अमान्य हो गया, इसलिए उनकी सेवा अधिसंख्य पद (अतिरिक्त पद) पर विभाजित की जाएगी। इसमें कार्यालयीन अधीक्षक, कनिष्ठ अभियंता, मुख्य क्लर्क, वाहनचालक, शिपाई, मजदूरों का समावेश है। उन्हें इसके बाद इंक्रीमेंट या प्रमोशन नहीं मिलेगा। अधिसंख्य पद (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) पर विभाजित करने से पहले जो अभी तक वेतन और भत्ता मिलेगा, वही सेवानिवृत्ति तक मिलता रहेगा। इस बारे में आयुक्त राजेश पाटिल (Rajesh Patil) ने आदेश जारी किया है।

 

पिछड़ी जाति आरक्षण के आधार पर सरकारी सेवा (government service) में आए। उसके बाद जाति का दावा अवैध साबित होने वाले व्यक्ति को सरकारी सेवा में सरक्षण देना उचित नहीं है, ऐसा फैसला उच्च न्यायालय (High Court) ने दिया है। अनुसुचित जाति के अधिकारी, कर्मचारियों की संवर्गनिहाय संख्या निश्चित कर उनकी सेवा अधिसंख्य पद पर विभाजित करने का निर्देश है। मनपा के अनुसूचित जनजाति के 44 अधिकारी, कर्मचारियों के जाति का दावा अवैध साबित हुआ है।

 

इसमें एक कार्यालयीन अधीक्षक, एक कनिष्ठ अभियंता, एक मुख्य क्लर्क, दो क्लर्क, दो फायर फाइटर, एक लघु लेखक, एक सर्वेयर, मीटर निरीक्षक, क्रीडा शिक्षक, दो आर्किटेक्चर सहायक, वाहन चालक, समाजसेवा, प्लंबर, 13 मजदूर, 8 शिपाई, एक माली, वार्डबॉय ऐसे कुल 44 कर्मचारी शामिल हैं। उनकी सेवा अब अधिसंख्य पद पर विभाजित किया गया है। ये कर्मचारी अभी जिस पद पर हैं, उस पद का अधिसंख्य पद निर्माण कर उन्हे मानवता के दृष्टिकोण से, प्रशासन की होने वाली परेशानी दूर करने के लिए अस्थायी स्वरूप में 11 महीने के लिए या सेवा में रहने तक अधिसंख्य पद पर कार्यरत रहेंगे।

 

इन कर्मचारियों का सेवा अधिसंख्य अधिसंख्य पद पर विभाजित करने से पहले उन्हें जितना मासिक वेतन (monthly salary) व भत्ता मिलता था। उतना ही वेतन और भत्ता उन्हे अगले आदेश तक दिया जाएगा। अधिकारी, कर्मचारी अभी जिस विभाग में कार्यरत हैं, उसी विभाग में अधिसंख्य पद पर उनकी नियुक्ति की जाएगी। इन कर्मचारियों का सेवानिवृत्ति के सबंध में लाभ को लेकर सरकार द्वारा स्थापित किए गए अभ्यास गुट की सिफारिश मिलने के बाद उसके अनुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी, ऐसा आयुक्त पाटिल ने आदेश में कहा है। इस आदेश को 44 कर्मचारियों के सेवा पुस्तिका में दर्ज किया जाएगा।

 

प्रशासन विभाग (Administration Department) के आयुक्त सुभाष इंगले ने कहा कि मनपा के 44 अधिकारी, कर्मचारियों के जाति का दावा अवैध साबित हुआ है। उनकी सेवा अधिसंख्य पद पर विभाजित की जाएगी। इससे पहले उनका कितना मासिक वेतन और भत्ते था उन्हें आगे भी उतना ही मिलेगा। सेवानिवृत्ति तक उतना ही मिलेगा। प्रमोशन नहीं मिलेगा, धन्वंतरी योजना का लाभ मिलेगा।

 

 

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