पुलिस जनता पर राज करने के लिए नहीं सेवा करने के लिए है- मुख्यमंत्री

पुणे समाचार ऑनलाइन- बढ़ते शहरीकरण के बाद एक नई समाज व्यवस्था निर्माण हुई है। इस परिस्थिती में पुलिस ने भी अपनी कार्यपद्धति में बदलाव करने की आवश्यकता है। पुलिस विभाग मतलब आम नागरिकों को सेवा देना होता है। इसलिए पुलिस स्टेशन में शिकायत लेकर आए आम नागरिकों को न्याय देने का काम पुलिस को करने की आवश्यकता है। ऐसे विचार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को व्यक्त किए।

पुणे पुलिस आयुक्तालय में एक ही छत के नीचे महिला, बालक और वरिष्ठ नागरिकों की शिकायत निवारण करने के लिए शुरु किए गए भरोसा सेल सेवा संकुल का उद्घाटन फडणवीस द्वारा किया गया। इस अवसर पर फडणवीस प्रमुख अतिथि के रुप में उपस्थित थे। पालकमंत्री गिरीश बापट, महापौर मुक्ता तिलक, सामाजिक न्याय राज्यमंत्री दिलीप कांबले, राज्य के पुलिस महासंचालक दत्ता पडसलगीकर, पुलिस आयुक्त डॉ. के. व्यकंटेशम, सहपुलिस आयुक्त शिवाजी बोडखे आदि उपस्थित थे।

फडणवीस ने कहा कि ब्रिटिश ने पुलिस दल का इस्तेमाल जनता पर राज्य करने के लिए किया था। लेकिन पुलिस विभाग में अभी काफी बदलाव हुआ है। पिछले कुछ सालों में पुलिस विभाग में नए सुधार हुए हैं। इसलिए पुलिस की कार्यपद्धति में बड़ा बदलाव हुआ है। पुलिस यह जनता को सेवा देनेवाली सिस्टिम बन गई है। इसलिए पुलिस स्टेशन में शिकायत, समस्या लेकर आनेवाले नागरिकों को न्याय देने का काम पुलिस को करना पड़ता है।

शहरीकरण तेजी के साथ बढ़ रहा है। शहरीकरण की गति में एक नई समाजव्यवस्था निर्माण हुई है, ऐसा फडणवीस ने कहा। ऐसी परिस्थिती में सरकार के सभी विभागों को आम नागरिकों की शिकायत का निवारण करना चाहिए। किसी एक मामले में जल्द से जल्द न्याय देने के लिए व कार्य करने के लिए भेदभाव नहीं करना चाहिए। सरकारी कार्यालयों के अलग अलग विभागों में एक तरह की दूरी देखने को मिलती है। इसलिए सरकारी कार्यालयों को यह दूरी कम करना चाहिए। ऐसी सूचना फडणवीस ने दी।

आम नागरिकों को न्याय देने के लिए विभिन्न योजनाएं

पुलिस के पास न्याय मांगने के लिए व शिकायत लेकर आनेवाले नागरिकों को सेवा देने के लिए अनेक उपक्रम चलाए जाते हैं। पुलिस की ओर से पासपोर्ट के लिए वेरिफेकिशन की अवधि को पांच दिन में करने में सफलता मिली है। एक्सीडेंट को कम करने के लिए 22 ब्लॉक पाइंट की जांच की गई और सीसीटीवी कैमरे अच्छे कार्यन्वित करने के लिए उपाययोजना की गई। ऐसे विचार पुलिस आयुक्त डॉ. के. व्यंकटेशम ने व्यक्त किए।