Pune | पुणे में नए फंगस के चार मरीज ; कोरोना से ठीक होने वालों में पीठ के हाड मांस  में संक्रमण 

नई दिल्ली (New Delhi) : Pune | देशभर में फ़िलहाल कोरोना संकट (Corona Crisis) छाया हुआ है।  कुछ महीने पहले कोरोना के साथ म्यूकरमाइकोसिस ब्लैक फंगस (Mucormycosis Black Fungus) की बीमारी बड़े स्तर पर फैली थी।  कोरोना के अलग-अलग वेरिएंट का खतरा और  म्यूकरमाइकोसिस (Mucormycosis) के बढ़ते मरीज सिरदर्द सहित हो रहे थे।  अब इस संदर्भ में एक और महत्वपूर्ण खबर सामने आ रही है।  ब्लैक फंगस जैसी एक और फंगस के  संक्रमण के चार नए मामले पुणे (Pune) शहर में पिछले तीन महीने में सामने आये है।

इसके कारण एक बार फिर से स्वास्थ्य विभाग (Health Department) की चिंता बढ़ गई है। कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद प्रभाकर (65 ) को हल्की बुखार और पीठ में तेज़ दर्द रहता था।  उन्हें  पीठ दर्द के लिए पीठ और कमर के स्नायु शिथिल करने और नॉनस्टेराइड एंटी इंफ्लेमेंटरी (Nonsteroidal anti-inflammatory) दवा दी गई थी।  लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ।

इसके बाद उन्होंने पीठ का एमआरआई (MRI) करवाया तो उन्हें पीठ की रीढ़ में स्पोंडिलोडायसिटिस (Spondylodiscitis) बीमारी का पता चला।  यहां उनके हाड में एक प्रकार का फंगस बढ़ रहा था जिसका उपचार डॉक्टरों ने किया।

 

मेडिकल भाषा में जिसे एस्परगिलस ऑस्ट्रिया माइलाइटिस (Aspergillus Austria Myelitis) कहा जाता है।  यह एक तरह का पीठ की रीढ़ का कैंसर है।  यह कैंसर कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके मरीजों में मुंह में मिलता है।  यह दुर्लभ बीमारी कई बार फंगस में मिलता है।

 

पिछले तीन महीने में चार मरीजों में   एस्परगिलस फंगस की वजह से होने वाले वर्टेब्रल ऑस्टिमेलिस्टिस (Vertebral osteomyelitis) मिला है।  इस प्रकार का फंगस कोरोना संक्रमण (Corona Infection) से ठीक हो चुके मरीज में  आज तक देश में नहीं मिला है।  यह जानकारी दीनानाथ मंगेशकर हॉस्पिटल (Deenanath Mangeshkar Hospital) के संक्रमण बीमारी के विशेषज्ञ परीक्षित प्रयाग ने दी है।

 

इन चारों मरीजों को कोरोना के गंभीर खतरे का सामना करना पड़ा था।  उन्हें कोरोना संक्रमण में न्यूमोनिया और अन्य लक्षणों से बचाने के लिए स्टेरॉइड्स दिया गया था।  लंबे समय तक कॉर्टिकोस्टेरॉएड्स दिए जाने के कारण इस तरह के संक्रमण का खतरा बढ़ता है।  कोरोना संक्रमण से ठीक करने के लिए किस तरह की दवाओं का इस्तेमाल किया गया है यह इस पर निर्भर करता है।

 

तीन महीने पहले पहली बार उन्होंने एस्परगिलस वर्टेब्रल ऑस्टेमिलिटिस मरीज (Spergillus vertebral osteomyelitis patient) का उपचार किया था।  उन्होंने बताया कि हमने इस महीने चौथे मरीज का उपचार किया है।  फ़िलहाल इन चारों मरीज का उपचार चल रहा है।

 

 

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