Pune Crime | पुणे में 300 करोड़ की क्रिप्टो करेंसी के लिए शेयर ट्रेडर का अपहरण; पुलिस कर्मचारी निकाला मास्टरमाइंड, कुल 8 आरोपी गिरफ्तार

पिंपरी, संवाददाता। Pune Crime |  300 करोड़ की क्रिप्टो करेंसी (Crypto Currency) व 8 लाख की फिरौती (Ransom) के लिए शेयर ट्रेडिंग में काम करनेवाले एक व्यक्ति का अपहरण (Kidnapping) किये जाने और इसका मास्टरमाइंड एक पुलिस कर्मचारी रहने का चौंकाने वाला मामला सामने आया (Pune Crime) है। यह पुलिस कर्मी पिंपरी चिंचवड़ पुलिस बल (Pimpri Chinchwad Police Force) में तैनात है। वह इससे पहले पुणे पुलिस की साइबर सेल (Pune Police Cyber Cell) में कार्यरत था। उसे क्रिप्टो करेंसी के बारे खासी जानकारी थी। उसे पता चला था कि शेयर ट्रेडर (Share Trader) के पास 300 करोड़ की क्रिप्टो करेंसी है। उससे क्रिप्टो करेंसी और पैसे हासिल करने के लिए पुलिसकर्मी ने अपने साथियों के साथ मिलकर अपहरण की वारदात को अंजाम दिया। हालांकि जब पुलिस को पता चलने की भनक लगी तो उन्होंने अपहृत व्यक्ति को वाकड में छोड़ दिया। वाकड पुलिस (Wakad Police) ने बड़ी मुस्तैदी से आरोपी पुलिसकर्मी समेत आठ लोगों को गिरफ्तार (Arrest) कर लिया है।

 

दिलीप तुकाराम खंदारे (Dilip Tukaram Khandare) (निवास भोसरी, पुणे, मूल निवासी कोनाटी, सिंदखेड राजा, बुलढाणा) ऐसे गिरफ्तार किए गए पुलिसकर्मी का नाम है। वही इस पूरी वारदात का मास्टरमाइंड है। उसके साथ वाकड पुलिस ने उसके साथियों जिनमें सुनिल राम शिंदे (Sunil Ram Shinde) (निवासी खारदांडा पश्चिम, मुंबई), वसंत श्यामराव चव्हाण (Vasant Shyamrao Chavan) (निवासी नालासोपारा पुर्व, मुंबई), फ्रान्सिस टिमोटी डिसूझा (Francis Timothy D’Souza) (निवासी कल्याण (पश्चिम) ठाणे), मयुर महेंद्र शिर्के (Mayur Mahendra Shirke) (निवासी खार पश्चिम, मुंबई), प्रदिप काशिनाथ काटे (Pradeep Kashinath Kate) (निवासी दापोडी, पुणे), शिरीष चंद्रकांत खोत (Shirish Chandrakant Khot) (निवासी उलवे, नवी मुंबई), संजय ऊर्फ निकी राजेश बंसल (Sanjay alias Nikki Rajesh Bansal) (निवासी उलवे, नवी मुंबई) शामिल हैं, को भी गिरफ्तार कर लिया है। उन पर विनय सुंदरराव नाईक (Vinay Sundarrao Naik) (निवासी ताथवडे) को 14 जनवरी को ताथवडे के एक होटल से अगवा करने और फिरौती मांगने का आरोप है। उनके खिलाफ रफिक अल्लाउद्दीन सय्यद (Rafik Allauddin Sayyed) (38) ने वाकड पुलिस थाने (Wakad Police Station) में शिकायत दर्ज कराई है।

 

पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश (Police Commissioner Krishna Prakash) ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में इसकी जानकारी देते हुए बताया कि, 14 जनवरी को, विनय नाइक का सात से आठ अज्ञात लोगों ने अपहरण कर लिया था, जब वह तथावड़े (Tathawade) के एक होटल में रह रहा था। नाइक के दोस्त सैयद ने इस बारे में वाकड पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर दो दस्ते बनाए। पुलिस ने घटनास्थल का सीसीटीवी फुटेज (CCTV Footage) इकट्ठा कर तकनीकी विश्लेषण शुरू किया। इसी बीच आरोपित को भनक लग गई कि पुलिस उनकी तलाश कर रही है। वे नाइक को वाकड इलाके में छोड़ गए और आरोपी भाग गए। नाइक ने पुलिस को बताया कि आरोपियों ने उससे बिटकॉइन और 8 लाख रुपये की मांग की। आरोपियों का पीछा करते हुए वाकड पुलिस मुंबई (Mumbai) पहुंच गई। पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर उनके द्वारा इस्तेमाल की गई कार को जब्त कर लिया है। गिरफ्तार आरोपी ने प्रदीप काटे और दिलीप खंडारे के कहने पर राजेश बंसल और शिरीष खोत के साथ वारदात को अंजाम देना कबूल किया। नाइक का अपहरण कर अलीबाग के एक होटल में रखा गया और उससे आठ लाख रुपये की मांग की। इसके बाद अन्य तीन को पुलिसने गिरफ्तार कर (Pune Crime) लिया।

 

आरोपियों ने कहा कि इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड दिलीप खंडारे (Mastermind Dilip Khandare) था। जांच में पता चला कि दिलीप खंडारे पिंपरी चिंचवाड़ पुलिस बल में कार्यरत है। तदनुसार, पुलिस ने तकनीकी विश्लेषण किया और खंडारे को भोसरी (Bhosari) से गिरफ्तार किया। खंडारे ने अपने साथियों के साथ कबूल किया कि उसने अपराध करने की साजिश रची थी। पुलिस उपनिरीक्षक गणेश तोरगल (Police Sub Inspector Ganesh Torgal) मामले की जांच कर रहे हैं। पुलिस कांस्टेबल दिलीप तुकाराम खंडारे (Dilip Tukaram Khandare) पिंपरी चिंचवड़ पुलिस कमिश्नरेट ( Pimpri Chinchwad Police Commissionerate) में पुलिस कांस्टेबल (Police Constable) के रूप में कार्यरत हैं। वह इस समय ड्यूटी से अनुपस्थित था। वह पहले पुणे शहर पुलिस बल (Pune Police Force) में कार्यरत था। साइबर विभाग में काम करते हुए उसने ऑफिस ऑटोमेशन, साइबर क्राइम सिस्टम, एडवांस्ड साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन टेक्नोलॉजी, बेसिक ऑफ हार्डवेयर एंड नेटवर्क इंफॉर्मेशन, मोबाइल फोरेंसिक जैसे कोर्स किए हैं। जब वह पुणे शहर में साइबर अपराध (Cyber Crime) इकाई में तैनात था, तब उन्हें पता चला कि विनय सुंदरराव नाइक के पास क्रिप्टो करेंसी के रूप में कुल 300 करोड़ रुपये का बिटकॉइन था। इसके बाद उसने विनय नाइक का अपहरण कर और पैसे निकालने की साजिश रची।

 

इस कार्रवाई को पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश (Police Commissioner Krishna Prakash), अपर आयुक्त डॉ. संजय शिंदे (Additional Commissioner Dr. Sanjay Shinde), उपायुक्त आनंद भोईटे (Deputy Commissioner Anand Bhoite), सहाय्यक आयुक्त श्रीकांत डिसले (Assistant Commissioner Shrikant Disley) के मार्गदर्शन में वाकड थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक डॉ. विवेक मुगलीकर, पुलिस निरीक्षक (क्राइम 1) संतोष पाटील, पोलीस निरीक्षक (क्राइम 2) रामचंद्र घाडगे, सहायक निरीक्षक संतोष पाटील, अभिजीत जाधव, उपनिरीक्षक गणेश तोरगल, सहायक फौजदार बिभीषण कन्हेरकर, बाबाजान इनामदार, राजेंद्र काले, पुलिस कर्मचारी बापुसाहेब धुमाल, विक्रम कुदल, विजय गंभीरे, दिपक साबले, बंदु गिरे, अतिश जाधव, प्रमोद कदम, अतिक शेख, प्रशांत गिलबीले, विक्रांत चव्हाण, कल्पेश पाटील, कौंतेय खराडे, अजय फल्ले, नुतन कोंडे के समावेश वाली टीम ने अंजाम दिया।

 

 

 

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