Pune Crime | डेढ करोड़ की ठगी मामले में मैप्स इंडस्ट्रीज इंडिया प्रा. लि., ओम इंटरप्राइजेज के मालिक सचिन धनशेट्टी सहित 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
पुणे : आजकल इंटरनेट की बड़ी मांग है। इसलिए अलग-अलग कंपनियों ने शहर भर में अपने केबल का जाल बिछाया (Pune Crime) है। ऐसे में गोदाम से केबल व अन्य सामग्री लेकर उसमें से आधा सामान की परस्पर बिक्री कर दी। उसके बाद फर्जी मेजरमेंट बुक शीट (Fake Measurement Book Sheet) तैयार कर बिना काम किए काम किया है ऐसा दिखा कर सामान लगाने की मजदूरी (Pune Crime) के रूप में डेढ करोड़ रुपये की यू ब्रॉड ब्रांड (U Broad Brand) से ठगी (Fraud) करने की जानकारी सामने आई है। इस मामले में चतु:शृन्गी पुलिस (Chaturshringi Police) ने 8 लोगों पर मामला दर्ज (FIR) किया है।
समीर शेख (Sameer Sheikh) (नि. घोरपडी गांव), सुधाकर माणिकराव लेकुले (Sudhakar Manikrao Lekule) (नि. हिंगोली), मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) (नि. तलेगांव दाभाडे), मंगेश भगवान सरतापे (Mangesh Bhagwan Sartape), साजिद बादशहा शेख (Sajid Badshah Sheikh) (नि. वारजे मालवाडी), मैप्स इंडस्ट्रीज इंडिया प्रा. लि. (Maps Industries India Pvt. Ltd.) खेसे पार्क (Khese Park), लोहगांव (Lohgaon), ओम इंटरप्राइजेज (Om Enterprises) के मलिक सचिन गंगाधर धनशेट्टी (Malik Sachin Gangadhar Dhanshetty) (नि. गुरुवार पेठ) और योगेश होटकर (Yogesh Hotkar) के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में गिरीश गोपीनाथ नायर (Girish Gopinath Nair) (उम्र 43, नि. मुंबई) ने शिकायत दी है। यह घटना औंध स्थित यू ब्रॉड ब्रैंड वर्क लैब में एप्रैल 2020 से सितंबर 2021 के बीच हुई है।
इस बारे में पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार आरोपी ने आपस में मिलकर शिकायतकर्ता के ब्रॉड बैंड का वर्क लैब व गोदाम से ओएफसी ए एचएफसी (OFC A HFC) का सामान लिया। इनमें से आधा सामान लगाया। बाकी के सामान का परस्पर बिक्री कर सभी सामान लगाने का फर्जी मेजरमेंट शीट तैयार किया। इस पर साइन (Pune Crime) किया।
इस मेजरमेंट बुक शीट के आधार पर मैप्स इंडस्ट्रीज इंडिया प्रा. लि. व ओम इंटरप्राइजेज ने कंपनी में बिल दिया। नायर की कंपनी से लिए सामान व इस सामान को लगाने की मजदूरी के रूप में ओम एंटरप्राइजेज ने 17 लाख 46 हजार 346 रुपये व मैप्स इंडस्ट्रीज कंपनी ने 1 करोड़ 29 लाख 43 हजार 278 रुपये कुल मिलाकर 1 करोड़ 47 लाख 43 हजार 624 रुपये की ठगी की। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक राजकुमार वाघचौरे (Senior Police Inspector Rajkumar Waghchaure) इस मामले की जांच कर रहे हैं।