Pune News | किश्त बकाया रहने पर भी जबरन ऑटो उठा ले जाया नहीं जा सकता
पिंपरी : Pune News | पक्षकार संघ और रिक्शा पंचायत पुणे, पिंपरी चिंचवड, राष्ट्रीय एकता महासंघ, महामानव एक्सप्रेस रिक्शा संगठन की ओर से कोरोना काल से फाइनांस कंपनियों द्वारा की जा रही ज्यादतियों के मुद्दे पर एक संवाददाता सम्मेलन के जरिए कड़ी नाराजगी जताई गई। साथ ही इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी करते हुए एक जनहित याचिका (Public interest litigation) दायर करने का ऐलान किया गया। किश्त बकाया रहने के बाद भी ऑटो रिक्शा उठा ले जाना कानूनी तौर पर अपराध है। इस तरह की कार्रवाई करनेवाली फाइनांस कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर 29 नवंबर को पिंपरी चिंचवड़ पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश (Krishna Prakash) से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा जाएगा, यह जानकारी पक्षकार संघ के प्रदेश सहसचिव बसवराज येरनाले (Basavaraj Yernale) ने ( Pune News ) दी।
इस मौके पर रिक्शा पंचायत के महासचिव नितिन पवार (Nitin Pawar) ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने पिछले दो साल में रिक्शा कारोबार के लिए जरूरी परमिट खोले हैं। नतीजतन, पिंपरी-चिंचवड़ (Pimpri-Chinchwad) में हजारों बेरोजगार युवाओं ने अपने और अपने परिवार के समर्थन के लिए यात्री रिक्शा संचालित करने का सहारा लिया है। कोरोना ने पूरी अर्थव्यवस्था को तहस-नहस कर दिया है। ऐसे में कर्ज पर लिए गए रिक्शा की किश्त बकाया रहना स्वाभाविक है। जब मेहनतकश रिक्शा चालकों और मालिकों को सहारा देना जरूरी है, तब फाइनेंस कंपनी (Finance Company) से जबरन रिक्शा जब्त करना और रिक्शा चालकों को उनकी आजीविका से वंचित करना और उनकी दुनिया को बेनकाब करना नैसर्गिक न्याय की बात नहीं है।
रिक्शा पंचायत पिंपरी (Rickshaw Panchayat Pimpri) के अध्यक्ष अशोक मिर्गे (Ashok Mirge) ने कहा कि बिना किसी सक्षम अदालत के आदेश के किसी की संपत्ति, किसी की भी जबरन जब्त नहीं की जा सकती है। मेहनती रिक्शा चालकों और मालिकों की दुनिया बेनकाब नहीं होनी चाहिए और उन्हें न्याय मिलना चाहिए। साथ ही फाइनेंस कंपनियों द्वारा दिए गए लोन को रिक्शा चालकों और मालिकों द्वारा कानूनी रूप से दिया जाना चाहिए लेकिन इसके लिए वित्त कंपनियां कानून का उल्लंघन करती हैं, रिक्शा चालकों, मालिकों और उनके परिवारों के साथ मारपीट करती हैं, उनके साथ अभद्र व्यवहार करती हैं और रिक्शा को जब्त कर लेती हैं। अब हम इसे कानूनी रूप से रोकने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। साथ ही पुलिस प्रशासन को कानून के सभी पहलुओं की जांच करनी चाहिए और मेहनतकश रिक्शा चालकों और मालिकों को उचित न्याय देना चाहिए।
एड मोनाली अपर्णा (Adv. Monali Aparna) ने कहा कि राज्य में विभिन्न वित्त कंपनियां रिक्शा को जबरन जब्त कर कानून का उल्लंघन कर रही हैं। पुणे (Pune), पिंपरी चिंचवड़ (Pimpri-Chinchwad) शहर समेत पूरे राज्य में पिछले छह महीने में इस तरह की घटनाओं में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इससे कर्जदार रिक्शा चालकों और मालिकों के परिवारों में दहशत है। उन्हें उचित न्याय मिले इसके लिए रिक्शा पंचायत के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. बाबा आढाव (Dr. Baba Adhav) के मार्गदर्शन में रिक्शा पंचायत की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करेंगे। पक्षकार संघ, रिक्शा पंचायत पुणे, पिंपरी चिंचवड़, राष्ट्रीय एकता रिक्शा महासंघ, महामानव एक्सप्रेस रिक्शा संगठन फाइनेंस कंपनी के प्रतिनिधि, पुलिस अधिकारी, आर.टी.ओ. अधिकारी आदि की एक बैठक पुलिस आयुक्त कार्यालय के माध्यम से अगले 8 दिनों में होनी है। यह जानकारी पक्षकार संघ के संस्थापक सचिव भा. वि. जोशी ने दी। इस संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रीय एकता महासंघ के अध्यक्ष बाबासाहेब चव्हाण, रिक्शा चालक विजय चव्हाण, काशीनाथ शेलार, विशाल बागुल, सिध्दार्थ चव्हाण आदि उपस्थित थे।
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