Pune News | 1971 के युद्ध में इंदिरा गांधी का योगदान अविस्मरणीय! शूरवीरों का इतिहास नई पीढ़ी को बताना जरूरी- मंत्री सुनील केदार

पुणे : Pune News | भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय धैर्य और हिम्मत से सभी समस्याओं का समाधान निकाला। बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में इंदिरा जी और माणिक शॉ के नेतृत्व में भारतीय सेना का महत्वपूर्ण योगदान है। देश को परमाणु शक्ति संपन्न बनाने का फैसला लेते हुए इंदिरा जी ने भारत को प्रगति पथ पर लाते हुए दुश्मन देश को भारत की ओर नजर न उठाने की चेतावनी दी।  स्वतंत्र भारत को मजबूत राष्ट्र के रूप में पहचान दिलाने के लिए इंदिरा गांधी और भारतीय सेना का महत्वपूर्ण योगदान है, ऐसा राज्य के पशुसंवर्धन दूध विकास, क्रीडा व युवक कल्याण मंत्री सुनील केदार (Welfare Minister Sunil Kedar) ने कहा। इंदिरा जी को खुद अटल बिहारी वाजपेयी ने दुर्गा की उपाधि दी थी, ऐसा भी उन्होने कहा। (Pune News)

अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षा सांसद सोनिया गांधी के जन्मदिन के मौके पर आयोजित सेवा कर्तव्य त्याग सप्ताह के अंतर्गत 1971 क भारत- पाकिस्तान युद्ध के वीर सैनिकों, वीरमाता व वीर पत्नी का सम्मान किया गया। इस मौके पर संयोजक पूर्व विधायक मोहन जोशी, कांग्रेस के शहराध्यक्ष रमेश बागवे, पिंपरी चिंचवड कांग्रेस शहराध्यक्ष कैलास कदम, प्रदेश कमिटी के वीरेंद्र कराड, पूर्व महापौर कमल व्यवहारे, नगरसेवक विनोद मथुरावाला, लता रजगुरू, रफिक शेख, शेखर कपोते, प्रशांत सुरसे, चेतन अग्रवाल आदि उपस्थित थे।

सुनील केदार ने कहा ‘इतिहास अच्छे से पता हो तो उज्ज्वल भविष्य का सफर अच्छा हो जाता है। अनेक शूर-वीर के बलिदान से, योगदान से यह स्वतंत्र भारत देश सक्षम रूप से प्रगति पथ पर चल रहा है। हालांकि आज की पीढी के कई लोग स्वतंत्रता की लड़ाई का महत्व नहीं समझ रहे हैं। इसलिए शूर-वीर का इतिहास नई पीढी को अच्छे से बताने की आवश्यक्ता है। सेना के लोगों से बात करते हुए भि स्फूर्ति बढ़ती है। देश के नागरिक के रूप में अपने कर्तव्य और जिम्मेदारी को पहचाननी चाहिए। इतिहास समझ कर शूर-वीरों के कार्यों से प्रेरणा लेनी चाहिए। स्वतंत्रता की लड़ाई के साथ पाकिस्तान, चीन के साथ हुई लड़ाइयों का इतिहास भी पढ़ना चाहिए।

प्रस्तावना में मोहन जोशी ने कहा युद्ध के वीर जवान, बलिदान देनेवाले जवानों की वीर माता, वीर पत्नी का सम्मान करते हुए हमें गर्व हो रहा है। भारतीय सेना के 1971 के शौर्य का स्वर्ण विजय महोत्सव हम मना रहे हैं। कर्नल सालुंखे, कर्नल पाटिल ने भी अपना अनुभव साझा किया। लेखा नायर ने सूत्र संचालन किया। चैतन्य पुरंदरे ने आभार व्यक्त किया।

इन वीरों का हुआ सम्मान

1971 के युद्ध में योगदान के लिए कर्नल सदानंद सालुंके, शहीद मेजर दडकर की वीर पत्नी गीता दडकर, कर्नल संभाजी पाटिल, लेफ्टिनेंट कर्नल सुरेश शिंदे, सुभेदार संपत कोंडे, एयरफोर्स के रामचंद्र शेंडगे, विठ्ठल बाठे, शहीद हवलदार प्रह्लाद दिघे (वीर पत्नी लक्ष्मीबाई दिघे), शहीर लक्ष्मण जाधव, शहीद तुलशीराम सालुंके (वीरपत्नी मंगलाताई सालुंके), शहीर मारुती माने (वीर पत्नी श्रीमती माने), गोविंद मासालकर को सम्मानित किया गया। साथ ही शहीद सौरभ फराटे की वीरमाता मंगल फराटे, शहीद शिवाजी भोईटे (स्वप्ना भोईटे), मेजर लेखा नायर का भी सम्मान किया गया।

 

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