Pune News | एरिया सभा का नियम लागू करने तक बहुसदस्यीय प्रणाली से चुनाव पर स्थगिती दें

पिंपरी : Pune News | बहुसदस्यीय प्रणाली से स्थानीय निकायों के चुनाव (Election) का विरोध करते हुए पिंपरी चिंचवड़ मनपा (Pimpri Chinchwad Municipal Corporation) के पूर्व पार्षद मारुति भापकर (Maruti Bhapkar) ने संवैधानिक विशेषज्ञ एड आसिम सरोदे (Adv Asim Sarode) की मदद से सोमवार को मुंबई हाईकोर्ट (Mumbai High Court) में याचिका दायर की। इस याचिका में राज्य चुनाव आयुक्त (election commissioner) और महाराष्ट्र राज्य सरकार को प्रतिवादी के रूप में नामित किया गया है। इस याचिका (Pune News) में कहा गया है कि, यदि मनपा चुनावों के लिए एक बहु-सदस्यीय वार्ड प्रणाली लागू की जा रही है, तो एरिया सभा यानी क्षेत्रीय सभा की बैठकें आयोजित करने में कठिनाइयाँ आती हैं और निर्णय लेने की प्रक्रिया में आम नागरिकों की भागीदारी समाप्त हो जाती है।
याचिकाकर्ता मारुति भापकर (Maruti Bhapkar) ने मांग की है कि वार्ड कार्यकारी अध्यक्ष (Ward Executive Chairman) के चयन की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए राज्य सरकार महाराष्ट्र नगर निगम अधिनियम (Maharashtra Municipal Corporation Act) की धारा 29 ब, क, ड और ई में दुरुस्ती कर 29 ब और क में आवश्यक बदलाव करे। धारा 29 ब में प्रावधान है कि एक वार्ड में 2 से अधिक और 5 से कम मतदान केंद्र होने चाहिए, लेकिन अगर एक वार्ड में 3 प्रतिनिधि हैं, तो संख्या 10 से 15 मतदान केंद्रों तक जाती है। इससे वार्ड बड़ा हो जाता है और तकनीकी रूप से वार्ड (क्षेत्र) की बैठकें करना संभव नहीं है। याचिका में यह भी कहा गया है कि यह तथ्य कि नागरिक जनप्रतिनिधियों से सवाल पूछने और यहां तक ​​कि अपने विचार व्यक्त करने में सक्षम नहीं हैं, जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।

 

राज्य चुनाव आयोग (state election commission) के पास अधिनियम के तहत राज्य को नामित करने के लिए महाराष्ट्र नगर (संशोधन) अधिनियम (Maharashtra Municipal Act), 1994 की धारा 5 (3) में किए गए संशोधन के अनुसार तीन सदस्यीय वार्ड बनाने के राज्य सरकार के निर्णय को अमान्य करने की शक्ति है। चुनाव आयुक्त’ के बजाय ‘राज्य सरकार’ वार्डों की सीमाओं के साथ-साथ प्रत्येक वार्ड में उम्मीदवारों की संख्या निर्धारित करने की शक्ति। अगर अदालत इस व्याख्या को स्वीकार कर लेती है तो पूरी तस्वीर बदल सकती है। 74वें संशोधन के अनुसार नगर पंचायत राज का क्रियान्वयन एवं स्थानीय स्वशासी निकायों को सुदृढ़ बनाना, अपने क्षेत्र के विकासकामों के लिए सुझाव देने, जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी तय करने, आम आदमी को सत्ता में सक्रिय रूप से सहभागिता देने और अपने जनप्रतिनिधियों से सवाल उठाने के लिहाज से यह याचिका अहम रहने की बात अधिवक्ता असीम सरोदे ने कही है।

 

मारुति भापकर (Maruti Bhapkar) ने कहा कि, धारा 29सी में वार्ड बैठक के अध्यक्ष द्वारा बैठकें आयोजित करना और वर्ष में दो बार वार्ड बैठक आयोजित करना शामिल है। जेएनयूआरएम के समझौते के अनुसार, राज्य ने महाराष्ट्र नगर निगम अधिनियम (Maharashtra Municipal Corporation Act) की धारा 29 ब, क, ड और ई में प्रावधान किया है। यह सवाल उठा कि कार्यकारी अध्यक्ष कौन था और अध्यक्ष की अनिश्चितता ने वार्ड बैठकें करना बहुत मुश्किल बना दिया। 2009 में, एक वार्ड की अवधारणा एक नगरसेवक थी और पार्षद स्वतः ही वार्ड बैठक के अध्यक्ष बन गए। मगर 2012 में एक वार्ड दो नगरसेवक की संकल्पना शुरू हुई जिसमें वार्ड सभा का अध्यक्ष कौन इसके लिए कोई प्रक्रिया या नियम नहीं हैं। पुणे में परिवर्तन संस्था के तन्मय कानेतकर (Tanmay Kanetkar) ने मनपा चुनावों के लिए तीन सदस्यीय वार्ड बनाने के सरकार के फैसले के खिलाफ आज मुंबई उच्च न्यायालय (Mumbai High Court) में अधिवक्ता असीम सरोदे के माध्यम से एक याचिका दायर की है। मारुति भापकर की याचिका से उस याचिका को व्यापक और मजबूत समर्थन मिलेगा।

 

 

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