Pune News | सत्तादल भाजपा का आम सभा में 30 करोड़ का स्मार्ट उपसुझाव

पिंपरी : Pune News | स्मार्ट सिटी परियोजना (smart city project) में भ्रष्टाचार (Corruption) के आरोपों से घिरती पिंपरी चिंचवड़ मनपा (Pimpri Chinchwad Municipal Corporation) की सत्ताधारी भाजपा (Ruling BJP) का एक और ‘स्मार्ट’ कारनामा सामने आया है। हालिया संपन्न हुई आम सभा में पिंपरी चिंचवड स्मार्ट सिटी लि कंपनी (Pimpri Chinchwad Smart City Ltd Company) में भ्रष्टाचार, सड़क खुदाई को लेकर भाजपा समेत राष्ट्रवादी कॉग्रेस, शिवसेना के नगरसेवकों ने प्रशासन पर जमकर हमला बोला। उसी सभा में सत्तादल ने बड़ी चालाकी से सड़क खुदाई के लिए एक कम्प्यूटर प्रणाली (computer system) विकसित करने के लिए 5 साल की देखभाल दुरुस्ती के साथ 30 करोड़ रुपए खर्च का उपप्रस्ताव दाखिल कर उसे मंजूरी दी। स्मार्ट सिटी (Smart City) के लिए अलग कंपनी रहने के बावजूद मनपा निधि से यह खर्च करने का फैसला किया गया (Pune News) है।

 

स्मार्ट सिटी (Smart City) में भ्रष्टाचार, मनमानी, शहर में 500 किमी सड़कों की खुदाई 750 किमी दर्शाकर किया गया घोटाला, तकनीकी मंजूरी की कमी आदि मुद्दों पर छह घंटे तक महासभा में चर्चा हुई। स्मार्ट सिटी के माध्यम से जहां कहीं भी उत्खनन (excavation) किया जाता है, वहां नगरसेवकों को खुदाई की जानकारी नहीं दी जाती है। एल एंड टी कंपनी के 250 करोड़ रुपये के काम को तकनीकी मंजूरी नहीं मिली है। राष्ट्रवादी और शिवसेना के साथ कुछ सत्तारूढ़ भाजपा नगरसेवकों के साथ स्मार्ट सिटी में 100 प्रतिशत भ्रष्टाचार (Corruption) होने का गंभीर आरोप लगाया। छह घंटे की घमासान चर्चा के बाद भी सत्ताधारी भाजपा (Ruling BJP) ने उपप्रस्ताव के जरिए ‘स्मार्ट’ कहर ढा दिया। खुदाई काम के नियोजन के लिए सॉफ्टवेयर विकास (Software Development) के लिए 30 करोड़ रुपये के व्यय को मंजूरी दी।

 

भाजपा की भ्रष्टाचार की स्मार्ट प्लानिंग: राष्ट्रवादी (Pune News)

भाजपा के इस कारनामे को राष्ट्रवादी कांग्रेस (Nationalist Congress) ने 30 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार की स्मार्ट प्लानिंग करार दिया है। राष्ट्रवादी काँग्रेस के शहराध्यक्ष संजोग वाघेरे पाटील (City President Sanjog Waghre Patil) ने एक बयान के जरिये कहा है कि, स्मार्ट सिटी (Smart City) में हुए भ्रष्टाचार का राष्ट्रवादी कांग्रेस द्वारा पर्दाफाश किये जाने के बाद सत्तादल का चेहरा बेनकाब हो चुका है। हालांकि इसके बाद भी भाजपा ने सॉफ्टवेयर की आड़ में 30 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार की प्लानिंग कर कहर बरपाया है। जबकि उसी आम सभा में खुद भाजपा के नगरसेवकों ने स्मार्ट सिटी में भ्रष्टाचार (Corruption) की बात स्वीकारी है। मगर सत्ताधारियों पर कोई असर नहीं पड़ा है।

 

 

मूलतः स्मार्ट सिटी के नाम पर सड़कों की खुदाई और केबल डालने के काम में करोड़ों रुपए फूंके गए है। अब उसकी प्लानिंग (Planing) के लिए 30 करोड़ की लागत से कम्प्यूटर प्रणाली (computer system) विकसित करने का फैसला किया गया है। इसका उपप्रस्ताव आम सभा में चोरी चुपके दाखिल कर मंजूर किया गया। यह प्रस्ताव रद्द करने की मांग वाघेरे ने की है

 

 

 

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