‘यलगार परिषद’ मामले की चार्जशीट के लिए पुणे पुलिस ने मांगा और समय

कल होगी अर्जी पर सुनवाई
पुणे। समाचार ऑनलाइन

भीमा कोरेगांव की हिंसा के लिए जिस यलगार परिषद को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। उसके आयोजन में माओवादियों की अगुवाई रहने का दावा करते हुए पुणे पुलिस ने सुरेंद्र गडलिंग, रोना विल्सन, शोमा सेन समेत पांच लोगों गिरफ्तार किया है। उनके खिलाफ चार्जशीट दायर करने के लिए और 90 दिनों की मियाद बढ़ाने की मांग पुलिस ने अदालत में की है। शनिवार को विशेष अदालत में दी गई इस अर्जी पर कल (रविवार) सुनवाई होगी।

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गौरतलब है कि पुणे के भीमा कोरेगांव युद्ध के 200 साल पूरा होने के मौके पर शनिवारवाड़ा पर यलगार परिषद का आयोजन किया गया था। इसके ठीक दूसरे दिन दलित समुदाय के करीब पांच लाख लोग शौर्य दिवस मनाने के लिए भीमा कोरेगांव पहुंचे थे। इस दौरान दो गुटों में झड़प के बाद एक युवक की मौत हो गई थी। इसेक बाद राज्य के करीब 18 जिले हिंसा की चपेट में आ गए थे। जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की गई थी। इस दौरान मुंबई और कल्याण से कई माओवादी कार्यकर्ता पकड़े गए थे।

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पुणे पुलिस ने भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा के साथ ही यलगार परिषद के आयोजन करनेवालों के खिलाफ अलग मामला दर्ज किया है। पुलिस ने इस परिषद को भीमा कोरेगांव की हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया है। इस परिषद के आयोजन में माओवादियों के पैसा लगा था, इसके प्रमाण मिले हैं। इस मामले में सुरेंद्र गडलिंग, रोना विल्सन, शोमा सेन, महेश राऊत और सुधीर ढवले को गिरफ्तार किया गया है। उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के लिए और 90 दिन की मोहलत मिलने के लिहाज से पुलिस ने आज अदालत में अर्जी दी है।
हांलाकि पुणे पुलिस इस अर्जी पर आज ही सुनवाई चाहती थी मगर बचाव पक्ष के वकील रोहन नाहर और राहुल देशमुख ने अर्जी पर अध्ययन के लिए सोमवार तक का समय मांगा। इस पर अदालत ने कल सुबह दस बजे तक का समय दिया है। पुलिस की अर्जी पर कल सुबह सुनवाई होगी। ज्ञात हो कि चार्जशीट दाखिल करने में विलंब होने की सूरत में आरोपियों को जमानत मिलने में आसानी होती है। ऐसे में कल की सुनवाई की ओर पूरे देश का ध्यान लगा हुआ है।