पुणे : Pune | हिंजवड़ी की एक MBA युवती के साथ गैंगरेप करने वाले तीन कुकर्मियों को मुंबई हाई कोर्ट (Mumbai High Court) ने अच्छा झटका दिया है। आरोपियों को दोषी मानते हुए सत्र न्यायालय दवारा 2011 में सुनाई गई उम्रकैद की सजा मुंबई हाई कोर्ट की न्यायमूर्ति साधना जाधव (Sadhna Jadhav) और न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल (Sarang Kotwal) की खंडपीठ ने बरक़रार रखा है। इतना ही नहीं इस मामले में कोर्ट ने पुणे सत्र न्यायालय (Pune Sessions Court) के न्यायाधीश दवारा पीड़िता के सम्मान की रक्षा नहीं कर पाने की भी टिपण्णी (Pune) की है।
1 अप्रैल 2010 में पुणे में वाकड़ के आईटी पार्क, मनाकर चौक में पीड़ित युवती ने घर जाने के लिए लिफ्ट मांगा था। इस दौरान आरोपी सुभाष भोसले, गणेश कांबले और रणजीत काले ने युवती के साथ गैंगरेप किया। इस मामले में पुणे सत्र न्यायालय ने तीनों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। इस सजा के खिलाफ आरोपियों ने मुंबई हाई कोर्ट में अपील की थी।
पीड़ित के गवाहों से उल्टे-सीधे सवाल कर बचाव पक्ष के वकील ने उससे अनावश्यक सवाल किये और युवती की सहमति से संबंध बनाया गया और लड़की के शराब पिए होने की बात स्थापित करने का प्रयास किया। लेकिन उस वक़्त सत्र न्यायालय के न्यायाधीश ने वकील को इस तरह के सवाल करने से नहीं रोका। न ही इस तरह की उल्टी जांच पर ऐतराज जताया। इसलिए सत्र न्यायालय के निरीक्षण पर नाराजगी जताते हुए हाई कोर्ट ने तीनों को सुनाई गई उम्रकैद की सजा को बरक़रार रखा है।
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