गणतंत्र दिवस पर 11 विभूतियों को राष्ट्र गौरव पुरस्कार प्रदान

पिंपरी। सँवाददाता : गणतंत्र दिवस की 71वीं सालगिरह पर पिंपरी चिंचवड शहर में विश्व मैत्री संघ की ओर से 11 विभूतियों को राष्ट्र गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पिंपरी के संत तुकाराम नगर स्थित आचार्य अत्रे रंगमंदिर सभागृह में पुरस्कार वितरण हुआ। कारगिल युद्ध में शहीद सुभाष सानप की पत्नी विद्याताई सानप को शहीद मार्या राष्ट्र गौरव पुरस्कार, श्रीक्षेत्र आलंदी धाम के ह.भ.प. शांतिब्रम्ह मारुति बाबा कुर्‍हेकर को अध्यात्म राष्ट्र गौरव पुरस्कार, चार बार सांसद पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे अण्णसाहेब पाटिल को ग्राम विकास राष्ट्र गौरव पुरस्कार से नवाजा गया। इस कार्यक्रम में आरती दीक्षित प्रस्तुत ‘हम हिन्दुस्तानी’ नामक देशभक्ति गीतों से पूरा माहौल देशभक्ति में रंग गया। महापौर उषा ढोरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस शहर अध्यक्ष संजोग वाघेरे, पूर्व विधायक शरद ढमाले, नगरसेवक सचिन चिखले आदि उपस्थित थे।
इस समारोह में राष्ट्रीय कुश्ती खिलाडी कु. प्रगति गायकवाड को खेल राष्ट्र गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सांगली, आंबेगांव, कोल्हापुर में आयी बाढ विपदा की घडी में सैकडों की जान बचाने वाले सेकंड इन कमांड एनडीआरएफ अधिकारी सच्चिदानंद गावडे को सेवापथ राष्ट्र गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र कापसे को आदर्श पत्रकार राष्ट्र गौरव पुरस्कार प्रदान किया गया। देश की हवाई दल में अहम योगदान देने वाले बिरेंद्र सिंह को पारिभाषिक राष्ट्र गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पुणे के पिरंगुट में मतिमंद बच्चों की पाठशाला खोलकर विद्या की ज्योत जलाने वाले उल्हरास केंजले को सेवा राष्ट्र गौरव पुरस्कार से नवाजा गया। बिहार के गोपालगंज में विश्‍व श्रीराम सेना द्धरारा संचालित श्रीराम गुरुकुल व श्रीराज गुरुकुल की व्यवस्था का भार संभाल रहे प्रविणकुमार गुप्ता को आदर्श शिक्षा सेवा राष्ट्र गौरव पुरस्करार से सम्मानित किया गया।
देश की सीमा की रक्षा करते हुए अपने हाथ पैरों को गंवाने वाले पद्मश्री मुरलीकांत पेटकर ने अपने दिव्यांग को मात देते हुए भारत को पहला तैराकी ओलिंपिक गोल्ड मेडल दिलाया। 1965 की जंग लडकर पाकिस्तान के दांत खट्टे किए। उन्होंने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की कमान संभाली। विश्‍व मैत्री संघ के संस्थापक अध्यक्ष लालबाबु गुप्ता ने अपने प्रस्तावना भाषण में लोगों से अपील करते हुए कहा कि अपने बच्चों को संस्कारी बनाओ, देशभक्त बनाओ। उन्हें बचपन से ऐसी शिक्षा दिक्षा दो जो आगे जाकर राष्ट्रभक्त बने ना कि पैसा कमाने की मशीन।

सर्वप्रथम देश है फिर समाज और फिर घर परिवार। सबके मन में ऐसी भावना जागेगी तो ही भारत देश विश्‍व गुरु बनेगा। विद्याताई ने अपने मार्मिक शब्दों में कहा कि मुझे शहीद की पत्नी होने का गर्व है। मेरी इच्छा है कि 7 जन्म नहीं बल्कि हर जन्म में यही पति मिले और हर जन्म में शहीद की पत्नी होने का सौभाग्य प्राप्त हो। उनके साथ में आयी बेटी को भी देश के लिए तैयार करने का जज्बा दिखा। पूरा सभागृह गमगीन माहौल में डूबा डूबा नजर आया। बाबा कुर्‍हेकर ने कहा कि गणतंत्र दिवस की पावन बेला पर आयोजित राष्ट्र गौरव पुरस्कार एक सुवर्ण अक्षरों से लिखा जाएगा। लोकमान्य तिलक ने देश की आजादी में अपने प्राणों की आहुति दी इस भूलाया नहीं जा सकता। वर्तमान युग पश्‍चिमी सभ्यता की ओर बढ रहा है जो आने वाली पीढी के लिए घातक है शिक्षा के साथ अध्यात्मक की शिक्षा भी जरुरी है।