आरबीआई ने डिजिटीकरण के लिए नीलेकणी समिति गठित की

मुंबई, 8 जनवरी (आईएएनएस)- भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणी की अगुवाई में एक पांच सदस्यीय समिति गठित की, जो अर्थव्यवस्था में डिजिटीकरण को बढ़ावा देने और वित्तीय समावेशन बढ़ाने के उपाय सुझाएगी।

यह समिति अपनी पहली बैठक के 90 दिनों के भीतर अपनी रपट सौंप देगी।

आरबीआई ने एक बयान में कहा, “भुगतान के डिजिटीकरण को प्रोत्साहित करने और डिजिटीकरण के माध्यम से वित्तीय समावेशन बढ़ाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने एक उच्च अधिकार प्राप्त समिति के गठन का फैसला किया है।”

इस समिति में नीलेकणी के अलावा आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर एच. आर. खान, विजया बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी किशोर सांसी, सूचना प्रौद्योगिकी और इस्पात मंत्रालय के पूर्व सचिव अरुणा शर्मा और आईआईएम अहमदाबाद के मुख्य नवोन्मेष अधिकारी संजय जैन शामिल हैं।

नीलेकणी भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईएडीआई) या आधार के अध्यक्ष रह चुके हैं। वह इस समिति की अगुवाई करेंगे, जो “देश में भुगतान की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करने के साथ ही पारिस्थितिकी तंत्र में मौजूदा अंतराल की पहचान और उन्हें पाटने के तरीके सुझाएगी।”

यह समिति वित्तीय समावेशन में डिजिटल भुगतान के वर्तमान स्तर का भी आकलन करेगी और डिजिटल भुगतान में तेजी लाकर अर्थव्यवस्था के डिजिटीकरण और वित्तीय समावेशन में तेजी लाने के लिए अपनाई जा सकने वाली दुनिया भर की सर्वोत्तम प्रथाओं की पहचान करेगी।

बैंकिंग नियामक ने कहा कि यह समिति डिजिटल भुगतान की सुरक्षा मजबूत करने के उपाय भी सुझाएगी।