आरटीओ फिटनेस, इंश्योरेंस जैसे फर्जी कागजात बनानेवाली गैंग पर शिकंजा

800 लोगों को बनाकर दिए फर्जी दस्तावेज; सवा लाख का माल बरामद
पिंपरी। आरटीओ का फिटनेस सर्टिफिकेट, टैक्स रसीद, वाहन इंश्योरेंस, पुलिस का क्लियरेंस सर्टिफिकेट जैसे महत्वपूर्ण फर्जी कागजात बनानेवाली एक गैंग का पर्दाफाश करते हुए पिंपरी चिंचवड़ पुलिस के सामाजिक सुरक्षा विभाग की टीम ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस गैंग ने अब तक 800 से भी ज्यादा लोगों को फर्जी दस्तावेज बनाकर जारी करने की जानकारी सामने आई है। आरोपियों की धरपकड़ के दौरान एक आरोपी एक पुलिसकर्मी को कार से कुछ दूरी तक घसीटते ले गया और दूसरे पुलिसकर्मी पर कार चढ़ाने की कोशिश की। हालांकि पुलिस टीम ने पीछा करते हुए उसे दबोच लिया।

राहुल प्रसाद गौंड (23, निवासी रूपीनगर, निगड़ी, पुणे), बालाजी गोरख बाबर (23, निवासी संदीपनगर, थेरगांव, पुणे), तुकाराम अर्जुन मगर (30, निवासी गजानन नगर, कालेवाड़ी फाटा, पुणे) और प्रवीण दशरथ दलवे (25, निवासी राशे फाटा, चाकण, पुणे) ऐसे गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम हैं। इस गोरखधंधे में उनके साथ दो लोग और शामिल हैं। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 259, 260, 464, 465, 468, 471, 473, 201, 34 के अलावा पुलिसकर्मियों पर हमला करने के लिए तुकाराम मगर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 353, 332 और 307 के तहत मामला दर्ज किया गया हैं। फिलहाल उनके फरार साथियों की खोजबीन शुरू रहने की जानकारी पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश ने संवाददाताओं को दी।

 

पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश को मुखबिर से कालेवाड़ी के आशीर्वाद सायबर कैफ़े में आरटीओ के फर्जी कागजात बनाने का काम जारी रहने की जानकारी मिली थी। इसके अनुसार उन्होंने सामाजिक सुरक्षा विभाग के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विट्ठल कुबड़े को मामले की छानबीन के आदेश दिए। इसके बाद पुलिस की दो टीमें गठित कर 4 मार्च की रात सवा आठ बजे सायबर कैफ़े में छापा मारा गया। यहाँ राहुल गौंड अपने कम्प्यूटर पर फर्जी कागजात बनाते हुए पाया गया। वह अपने साथियों के साथ मिलकर आरटीओ का फिटनेस सर्टिफिकेट, टैक्स रसीद, वाहन इंश्योरेंस, पुलिस का क्लियरेंस सर्टिफिकेट जैसे महत्वपूर्ण फर्जी कागजात बनाकर देता था। पैसे मिलने के बाद वह सबूत मिटाने के लिहाज से कम्प्यूटर का डेटा डिलीट कर देता। इस छापेमारी में करीबन सवा लाख रुपए का कम्प्यूटर, प्रिंटर आदि माल बरामद किया गया।
राहुल ने पूछताछ में बताया कि वह और उसके साथी गत साल दो साल से यह फर्जीवाड़े में लिप्त हैं। इसके बाद पुलिस टीम उसके साथियों की तलाश में जुट गई। रातभर अलग- अलग टीमें रवाना कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। तुकाराम मगर को पकड़ने के लिए कालेवाड़ी फाटा पर तड़के 5 बजे जाल बिछाया गया। कार से आते वक्त पुलिस ने उसे हाथ दिखाकर रुकने के लिए कहा। रुकने पर उसने पुलिस कर्मियों से पहचान पत्र दिखाने को कहा। जब पुलिसकर्मी संतोष बर्गे अपना पहचान पत्र दिखा रहा था तब उसने कार की कांच तुरंत ऊपर कर ली और बर्गे को हाथ कार में फंसे रहने की स्थिति में 15- 20 फीट तक घसीटते ले गया। जब दूसरे पुलिसकर्मी संदीप गवारी ने उसे रोकने की कोशिश की तो उनपर भी कार चलाकर उन्हें जान से मारने की कोशिश की। हालांकि पुलिस टीम ने बड़ी साहस के साथ उसे पीछा करते हुए धरदबोचा।