पुलिस का धारा 144, किसानों का 288… प्रदर्शनकारियों ने दिए संकेत, हम दोगुनी ताकत रखते हैं

नई दिल्ली/गाजियाबाद

तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन छठे दिन में प्रवेश कर गया है। पांचवें दिन किसानों के कई संगठन बागपत और उत्तराखंड के कई इलाकों से यूपी गेट पहुंचे। प्रदर्शनकारी दिल्ली की सीमा में प्रवेश करने पर आमदा हैं, लेकिन भारी पुलिस बल की बदौलत हर बार उनकी कोशिश नाकाम कर दी जा रही है दिल्ली की सीमा पर डटे किसानों और पुलिस-प्रशासन के बीच रस्साकशी चल रही है। पुलिस ने इन्हें रोकने के लिए धारा 144 लगा दिया है। एक लाइन खींचकर 144 लिख दी गई है, इसे देख किसानों ने भी एक लाइन खींचकर वहां 288 लिख दी है। उनका कहना है कि यह हमारी ओर से लगाई गई धारा है। इस लाइन के पार पुलिस नहीं आ सकती, हम यहीं प्रदर्शन करेंगे। संभवत: किसान नेता ने सेक्शन 288 के इस्तेमाल की बात इस सेंस में की कि प्रदर्शनकारी पुलिस के मुकाबले दोगुनी ताकत रखते हैं। धारा 144 के तहत प्रशासन को कहीं पर भी भीड़ जुटने से रोकने का अधिकार प्राप्त है।

भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम यहीं डटे रहेंगे। अगले कुछ दिनों में और किसानों के कई जत्थे यहां पहुंचेंगे।  अगर सरकार बातचीत नहीं करेगी तो हम एनएच 24 का हर लेन, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और सभी दूसरे महत्वपूर्ण हाइवेज को ब्लॉक कर देंगे। दूसरे किसान संगठन दिल्ली जाने वाली हर सड़क चॉक कर देंगे।’

दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी है और चार लेयर का बैरिकेड लगा दिया है। सीमेंट के भी कुछ बैरिकेड लगा दिए गए ताकि किसान उन्हें हटाकर आगे नहीं बढ़ा सकें। दिल्ली पुलिस के एक सीनियर ऑफिसर ने कहा कि 300 से अधिक पुलिस बलों को सिर्फ गाजीपुर बॉर्डर पर तैनात किया गया है। उन्होंने कहा, ‘वो (प्रदर्शनकारी) हर दूसरे-तीसरे घंटे बैरिकेड तोड़कर राजधानी में प्रवेश की कोशिश करते हैं. लेकिन हम उन्हें हर बार वापस भेज रहे हैं।’