Sharad Pawar On Ajit Pawar | ‘सुबह उठे शपथ लिया, राज्यपाल को सोते हुए से उठाया’, शरद पवार का अजीत पवार पर तीखा हमला; कहा– ‘कईयों को मंत्री, उपमुख्यमंत्री बनाया लेकिन एक पद खुद की बेटी को नहीं दिया
बारामती : Sharad Pawar On Ajit Pawar | उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के खिलाफ बारामती विधानसभा सीट से राष्ट्रवादी शरद पवार गुट से युगेंद्र पवार ने सोमवार को नामांकन किया. इसके बाद आज मंगलवार को उन्होंने कण्हेरी गांव से नारियल तोड़कर प्रचार की शुरुआत की. (Sharad Pawar On Ajit Pawar)
इस दौरान शरद पवार ने अजीत पवार पर सार्वजनिक रुप से हमला बोला है. उन्होंने कहा कि मेरे हाथ में सत्ता थी तो कईयों को पद देने का अधिकार मेरे पास था. आपको भी पद दिया. एक भी पद खुद की बेटी को नहीं दिया.
शरद पवार ने कहा कि “एक खेती करे और दूसरा नौकरी करे ऐसी मेरी नीति है. इसलिए हमने कई कारखाने लगाए. मुझे नहीं पता यह मलिदा गैग क्या है. हमने ऐसा गैंग कभी नहीं बनाया. मनमोहन सिंह ने बारामती पैटर्न शब्द का इस्तेमाल किया था. राज्य चलाने की जिम्मेदारी मैंने युवा पीढ़ी को दी है.
राजनीति में कभी सफलता तो कभी असफलता मिलती है. लेकिन सहकर्मियों को नहीं छोड़ते है. सत्ता नहीं होने पर हमारे सहकर्मियों ने कारनामा किया, सुबह उठे और शपथ ली. उस राज्यपाल को सोते वक्त उठाया. इसका परिणाम क्या हुआ? चार दिन में ही चली गई, ऐसी चीजें करने योग्य नहीं. यहां का काम जिस हाथ में दिया उसने पार्टी कब्जे में कर ली और दूसरी तरफ जाकर बैठ गए.
उन्होंने आगे कहा कि मैं उनके कहे के खिलाफ कभी नहीं गया. मेरे हाथ में सत्ता थी तो कईयों को पद देने का अधिकार मेरे पास था, आपको भी मंत्री बनाया, कईयों को मंत्री बनाया, उपमुख्यमंत्री बनाया, एक पद भी खुद की बेटी को नहीं दिया. घर को एकजुट रखना चाहिए. सभी अधिकार उन्हें दिया था. राज्य में कई वर्षों में हमने एक पार्टी बनाई. आपका लोगों ने साथ दिया. ४ वर्ष उपमुख्यमंत्री बनाए रखा. कई वर्ष चुनकर गए.
साथ ही कहा कि ‘राष्ट्रवादी पार्टी किसने बनाई? चिन्ह किसकी थी? कुछ लोगों ने हम पर केस किया. केस में कहा गया कि यह चिन्ह उनका नहीं हमारा है. कोर्ट में मेरे हाजिर होने का समन्स मेरे नाम पर जारी किया गया. मैंने कभी समन्स नहीं देखा था. पूरे जीवन में कभी कोर्ट नहीं गया.
लेकिन यह केस कर मुझे खींचा गया. कोर्ट ने निर्णय सुनाया और पार्टी और चिन्ह उन्हें दे दी. पार्टी लेकर चले गए, चिन्ह लेकर चले गए. आज बारामती के विकास की बात कही जाती है. कहा जाता है कि इसमें अजीतदादा का हाथ है. विकास में विरोधियों का हाथ हो तो भी उनका नाम लेना चाहिए. इस तरह की तीखी टिप्पणी शरद पवार ने अजीत पवार पर की है.