पुणे : पुणेसमाचार ऑनलाइन – Shobha Rasiklal Dhariwal | पुणे के शिवाजीनगर में भक्तों के श्रद्धास्थल श्री वृद्धेश्वर सिद्धेश्वर मंदिर प्राचीन काल के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. यहां पर स्वयंभू शंकर की पिंड है. दीवारों का निर्माण पत्थर से जबकि सभागृह का बड़ा पीलर सागवान की लकड़ी से बनाया गया है. इस मंदिर में छत्रपति शिवाजी महाराज शाईस्ते खान पर आक्रमण करने से पहले रुके थे. इसलिए इसका ऐतिहासिक महत्व है. यह मंदिर मुला मुठा नदी के किनारे है. मंदिर का घाट अहिल्याबाई होलकर ने बनवाया था. इसके बावजूद यह धार्मिक व ऐतिहासिक स्थल उपेक्षित है. लेकिन इस मंदिर का जीर्णोदार जल्द पूरा कर फिर से इसे नया रुप देंगे और जीर्णोदार के दौरान पुरातन वास्तुकला का जतन किया जाएगा. यह जानकारी आर एम धारीवाल फाउंडेशन की उपाध्यक्षा शोभाताई आर धारीवाल ने दी. (Shobha Rasiklal Dhariwal)
इसमें सभामंडप, नगारा खाना, ढोल ताशा पथक के साथ सभागृह, पखवाज वादन का प्रशिक्षण व लाइब्रेरी आदि को इसमें शामिल किया गया है. हाल ही में मंदिर ट्रस्ट को इसके लिए चेक सौंपा गया. इस मौके पर मंदिर के अध्यक्ष हनुमंत बहिरट पाटिल, सचिव सुधीर मारोती दुर्गे, कोषाध्यक्ष शशिकांत सुरेश भोसले, ट्रस्टी महेश चंद्रकांत दुर्गे, संजय भीमसेन सातपुते उपस्थित थे. (Shobha Rasiklal Dhariwal)
Web Title :- Shobha Rasiklal Dhariwal | ‘Shri Vridheshwar Siddheshwar Temple renovation will be completed soon’ – Shobhatai R Dhariwal
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