छह करोड़ कर्मचारियों को झटका… EPFO ने घटाई ब्याज दर

 ऑनलाइन समाचार. नई दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के करीब छह करोड़ अंशधारकों के लिए बड़ा झटका है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन अपने सदस्यों को उनकी भविष्य निधि (पीएफ) पर 8.65 फीसदी के बजाय अब 8.5 प्रतशित ही ब्याज देगा। ब्याज दरों में  0.15 फीसदी कटौती की गई है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) निवेश पर कम रिटर्न मिलने की वजह से पहले से संभावना जताई जा रही थी कि 5  मार्च को सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक में प्रोविडेंट फंड (पीएफ) जमा पर ब्याज दर घटाने का फैसला लिया जाएगा। दरअसल, लॉन्ग टर्म एफडी, बॉन्ड और सरकारी प्रतिभूतियों से ईपीएफओ को मिलने वाले रिटर्न में सालभर में 50-80 बेसिस पॉइंट्स की कमी आई है।

मंत्री ने यह कहा

श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने ईपीएफओ के ब्याज दरों में घटोतरी का ऐलान किया है। दरअसल, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की गुरुवार को बैठक हुई. इस बैठक में चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए पीएफ पर ब्‍याज दर को लेकर फैसला किया गया। बता दें कि केंद्रीय न्यासी बोर्ड ही पीएफ पर ब्याज दर को लेकर फैसला लेता है और इस फैसले को वित्त मंत्रालय से सहमति की जरूरत होती है। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा, ‘ईपीएफओ ने वर्ष 2019-20 के लिए ईपीएफ जमा पर 8.5 फीसदी की दर से ब्याज देने का निर्णय लिया है. यह निर्णय आज होने वाली केंद्रीय ट्रस्टी बोर्ड की बैठक में किया गया. ‘ गौरतलब है कि सरकार इस साल राजस्व की तंगी से जूझ रही है. कर राजस्व और विनिवेश दोनों से होने वाली आय लक्ष्य से कम है.

वित्त मंत्रालय श्रम मंत्रालय पर इस बात के लिए दबाव बना रहा था कि ईपीएफ पर ब्याज दर को सरकार द्वारा चलाई जाने वाली अन्य लघु बचत योजनाओं मसलन भविष्य निधि जमा (पीपीएफ) और डाकघर बचत योजनाओं के समान किया जाए। किसी वित्त वर्ष में ईपीएफ पर ब्याज दर के लिए श्रम मंत्रालय को वित्त मंत्रालय की सहमति लेनी होती है। चूंकि भारत सरकार गारंटर होती है ऐसे में वित्त मंत्रालय को ईपीएफ पर ब्याज दर के प्रस्ताव की समीक्षा करनी होती है जिससे ईपीएफओ आमदनी में कमी की स्थिति में किसी तरह की देनदारी की स्थिति से बचा जा सके।

पिछले साल ज्यादा थी ब्याज दर

बीते मार्च, 2019 में समाप्त वित्त वर्ष के लिए ईपीएफओ ने 8.65 फीसदी ब्याज दर का ऐलान किया था. वित्त वर्ष 2017-18 में ईपीएफओ ने अपने अंशधारकों को 8.55 फीसदी की दर से ब्याज दिया था. इस साल ईपीएफओ ने पांच साल में सबसे कम 8.55 फीसदी की दर से ब्याज उपलब्‍ध कराया था. वहीं 2016-17 में ईपीएफ पर ब्याज दर 8.65 फीसदी पर था. जबकि 2015-16 में 8.80 फीसदी की दर से ब्‍याज मिलता था. इसी तरह, 2013-14 और 2014-15 में ईपीएफ पर 8.75 फीसदी का ब्याज दिया गया था. वहीं 2012-13 में ईपीएफ पर ब्याज दर 8.50 फीसदी रही थी.