Sitaram Kunte | ईडी पूछताछ के दौरान पूर्व मुख्य सचिव सीताराम कुंटे का अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप, कहा- अनिल देशमुख पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर…’

मुंबई : पूर्व मुख्य सचिव सीताराम कुंट (Sitaram Kunte) ने ईडी (ED) की पूछताछ के दौरान पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सीताराम कुंटे (Sitaram Kunte) गृह विभाग (Home Department) के अतिरिक्त मुख्य सचिव थे उस समय अनिल देशमुख पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर की गैरकानूनी लिस्ट भेजते थे, ऐसा आरोप कुंटे ने लगाया है। ईडी मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering Case) में छानबीन कर रही है। इसी सिलसिले में 7 दिसंबर को सीताराम कुंटे का जवाब दर्ज कराया गया था। इसमें कुंटे ने पुलिस विभाग के ट्रांसफर (Police Department Transfer) की जानकारी दी।

 

सीताराम कुंटे (Sitaram Kunte) द्वारा ईडी को दी गई जानकारी के अनुसार अनिल देशमुख गृहमंत्री थे तब विशिष्ट पुलिस अधिकारी (Police Officer) या विशिष्ट पद पर ट्रांसफर की अवैध लिस्ट भेजा करते थे। वे अपने निजी सचिव संजीव पलांडे (Sanjeev Palande) के माध्यम से ये लिस्ट भेजा करते थे। फिर यह लिस्ट मुझे मेरे जूनियर अधिकारी से मिला करता था। मैं उनके अंदर आनेवाले विभाग में काम करता था इसलिए मैं इस लिस्ट को मना नहीं कर सकता था।

 

बोर्ड के सदस्यों को मौखिक रूप से कहा जाता था

 

अनिल देशमुख द्वारा भेजी गई अवैध लिस्ट पुलिस इस्टैब्लिशमेंट बोर्ड के सभी सदस्यों को दिखाई जाती थी। इन सभी सदस्यों को यह लिस्ट मौखिक रूप से कहा जाता था कि यह अनिल देशमुख ने भेजा है। इसके बाद इस लिस्ट को अंतिम आदेश में शामिल किया जाता था, ऐसा कुंटे ने कहा।

 

क्या है मामला ?

 

अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) पर मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंग (Parambir Singh) और सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाझे (Sachin Vaze) ने 100 करोड़ वसूली करने का आरोप लगाया है। यह मामला कोर्ट (Court) में जाने के बाद इस मामले में एफआईआर (FIR) दर्ज कर सीबीआई (CBI) को जांच के आदेश दिए गए।

 

सीबीआई द्वारा एफआईआर दर्ज करने के बाद ईडी ने इस मामले में कार्रवाई की शुरुआत की। अनिल देशमुख पर पद क दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार (Corruption) करने और बेनामी संपत्ती जमा करने का आरोप है।

 

पैसा हवाला के माध्यम से दिल्ली भेजा जाता था

 

ईडी के अनुसार निलंबित सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाझे बार सुचारू रूप से चलाने के लिए मुंबई (Mumbai) के ऑर्केस्ट्रा वार मालिकों से 4.7 करोड़ रुपये वसूले थे और ये पैसे देशमुख के निजी सचिव संजीव पलांदे को दिए। उसके बाद नागपुर (Nagpur) गए और एक व्यक्ति को पैसे दिए। ईडी (ED) के अधिकारियों ने ऐसा भी कहा कि उनकी जांच में यह सामने आया है कि हवाला चैनल के माध्यम से ये पैसे दिल्ली (Delhi) के सुरेंद्र जैन (Surendra Jain) और वीरेंद्र जैन (Virendra Jain) को भेजे गए, जो फर्जी कंपनी चलाते थे। जैन बंधू ने ये पैसे नागपुर के श्री साई एजुकेशनल इंस्टीट्यूट (Sri Sai Educational Institute), जो कि देशमुख परिवार के नियंत्रण में चलाया जाता था से दान किया है।

 

 

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