टाटा मोटर्स के प्रबंधन की मनमानी पर लगी मुहर 

पिंपरी। समाचार ऑनलाइन 

मजदूर नेता की जाँच के लिए गठित समिति को अदालत ने ठहराया अयोग्य 
ऑटोमोबाइल इंडस्ट्रीज में अग्रणी टाटा मोटर्स लि. के पिंपरी संकाय प्रबंधन की मनमानी पर श्रम न्यायालय की मुहर लग गई है। वेतन वृद्धि करार के लंबित रहने का जवाब मांगने वाले कंपनी के मजदूर नेताओं को कुछ माह पहले निष्कासित किया गया, जिसके खिलाफ मजदूर नेताओं ने अदालत में चुनौती दी है। एक मजदुर नेता के मामले में श्रम न्यायालय ने हालिया अपना फैसला सुनते हुए कंपनी प्रबंधन द्वारा कार्रवाई के लिए गठित की गई जाँच समिति और जाँच प्रक्रिया को अयोग्य करार दिया है। अदालत के इस फैसले से मनमानी करने वाले कंपनी प्रबंधन को जोरदार झटका लगा है। वहीं उसकी मनमानी का शिकार बने मजदूरों को थोड़ी राहत मिली है।

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इस बारे में जानकारी देते हुए टाटा मोटर्स के कार्याध्यक्ष और जनरल सेक्रेटरी रह चुके वरिष्ठ मजदूर नेता सुरेश फाले ने संवाददाताओं को बताया कि, 2015 में मजदूरों का वेतन वृद्धि का करार तकरीबन ढाई साल तक लंबित रहा। यह करार जल्द से जल्द हो और मजदूरों के साथ इन्साफ हो इस लिहाज से कंपनी की यूनियन और मजदूर नेता लगातार प्रयासरत थे। वेतन वृद्धि का करार होने के बाद कंपनी के पिंपरी संकाय के प्रबंधन के एक आला अधिकारी ने करार के लिए कोशिशों में जुटे रहे मजदूर नेताओं से बदला लेने की ठान ली। गलत- सलत आरोपों के चलते उनकी विभागीय जाँच के आदेश दिए गए। जाँच के समिति भी गठित की गई, जो जाँच में भी मनमानी करने लगी। जाँच में हमारा पक्ष जाने बिना ही दोषी करार देते हुए कार्रवाई की गाज गिरानी शुरू की गई।

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12 में से छह मजदूर नेताओं को जाँच समिति की गलत रिपोर्ट के आधार पर निष्कासित कर दिया गया। बीते 29 सालों से कंपनी में पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम करने का यह फल मुझे भी मिला। प्रबंधन के इस फैसले को कइयों ने अदालत में चुनौती दी है। पुणे के श्रम न्यायालय ने सुरेश फाले द्वारा की गई अपील पर हाल ही में अपना फैसला सुनाया है जिसमें जांच समिति के गठन पर ही सवाल उठाते हुए इसे अयोग्य करार दिया है। छह अगस्त को दिए गए इस फैसले के आधार पर कंपनी प्रबंधन के खिलाफ फौजदारी कार्रवाई की जाएगी, यह भी फाले ने बताया। अदालत में एड प्रशांत क्षीरसागर, अनिरुद्ध सानप, संकेत मोरे ने उनका पक्ष रखा। इस संवाददाता सम्मेलन में टाटा मोटर्स के मजदूर नेता प्रकाश मुगडे, पिंपरी चिंचवड़ मनपा के सभागृह नेता एकनाथ पवार मौजूद थे।