सुब्रत रॉय 62,600 करोड़ रुपये चुकाएं,  वर्ना पैरोल रद्द होते ही गिरफ्तारी  

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय  के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट याचिका दाखिल की है। इस याचिका में सहारा समूह के अध्यक्ष सुब्रत रॉय और उनकी दो कंपनियों को 626 अरब रुपए (8.4 बिलियन डॉलर) जमा करने का निर्देश देने को कहा गया है। नियामक संस्था सेबी ने कहा है कि अगर सहारा ये रकम नहीं चुकाते हैं तो उनका पैरोल रद्द किया जाना चाहिए।

ब्लूमबर्ग द्वारा देखी गई अदालती फाइलिंग के अनुसार भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने कहा कि सहारा इंडिया परिवार समूह की दो कंपनियों और समूह के प्रमुख रॉय पर बकाया ब्याज सहित 626 अरब रुपये है। उन्हें आठ साल पहले 257 अरब  रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया गया था लेकिन अब ब्याज के बाद उनकी देनदारी बढ़ गई है।

2012 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि सहारा समूह की कंपनियों ने प्रतिभूति कानूनों का उल्लंघन किया और अवैध रूप से 3.5 बिलियन डॉलर से अधिक का भुगतान किया। कंपनियों ने उन लाखों भारतीयों से पैसे जुटाए गए जो बैंकिंग सुविधाओं का लाभ नहीं उठा सकते थे। सेबी निवेशकों का पता नहीं लगा सका और जब सहारा कंपनियां भुगतान करने में विफल रहीं, तो अदालत ने रॉय को जेल भेज दिया।

वे साल 2016 से जमानत पर चल रहे हैं। सेबी ने कहा कि सहारा द्वारा आठ साल से अधिक समय तक अनुपालन न करने से नियामक को बहुत असुविधा का सामना करना पड़ा और अगर वे राशि जमा करने में विफल रहे, तो अवमानना के दोषी होने के चलते उन्हें हिरासत में लिया जाना चाहिए। सेबी ने कहा है कि सहारा ने आदेशों और निर्देशों का पालन करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया है। दूसरी ओर, देनदारी प्रतिदिन बढ़ रही है और वे हिरासत से बाहर रहने का आनंद ले रहे हैं।