तेलंगाना : परीक्षा में गड़बड़ी के खिलाफ प्रदर्शन तेज, विपक्ष के कई नेता गिरफ्तार

हैदराबाद (आईएएनएस) : समाचार ऑनलाईन – तेलंगाना में इंटरमीडिएट परीक्षा के परिणाणों में भारी गड़बड़ी के खिलाफ प्रदर्शन तेज होने के बाद सोमवार को पुलिस ने राज्यभर में विपक्ष के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया।पुलिस ने कई शीर्ष नेताओं को उनके घर में नजरबंद कर दिया है और कई अन्य को हिरासत में ले लिया है। यह सभी नेता परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी के बाद विपक्षी दलों द्वारा आहूत महाधरने में शामिल होने के लिए हैदराबाद जाने वाले थे। परीक्षा परिणाम प्रक्रिया में गड़बड़ी के कारण पिछले 10 दिनों में कम से कम 21 विद्यार्थियों ने आत्महत्या की है।

शिक्षा मंत्री जगदीश रेड्डी के इस्तीफे और आत्महत्या करने वाले विद्यार्थियों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग कर रहे विपक्षी दलों के कई प्रदर्शनकारियों और छात्र संगठनों द्वारा यहां बोर्ड ऑफ इंटरमीडिएट एजुकेशन (बीआईई) कार्यालय पर धरना देने का प्रयास करने के बाद तनाव शुरू हुआ।

बीआईई कार्यालय के चारों तरफ अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर और बेरीकेडिंग लगाकर पुलिस ने कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा), तेलंगाना जन समिति (तेजस) और एनएसयूआई, पीडीएसयू, एआईएसएफ और टीवीवी जैसे छात्र संगठनों के सदस्यों को रोक दिया और उन्हें वाहनों से विभिन्न पुलिस स्टेशनों पर भेज दिया। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता गीता रेड्डी, तेजस अध्यक्ष एम. कोडंडरम, तेदेपा प्रदेश अध्यक्ष एल. रमन और वरिष्ठ नेता आर. चंद्रशेखर रेड्डी जैसे नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस ने बेगमपेट में मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के आधिकारिक आवास प्रगति भवन पर विरोध प्रदर्शन करने का प्रयास रहे एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को भी गिरफ्तार कर लिया। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार के विरोध में नारेबाजी करते हुए इमारत में प्रवेश करने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

कांग्रेस नेता अंजन कुमार यादव, वी. हनुमंत राव, सिरिसलिलम गौड़ को हैदराबाद में नजरबंद रखा गया है। विपक्षी नेताओं को हैदराबाद जाने से रोकने के लिए उन्हें जिलों में या तो गिरफ्तार कर लिया गया है या नजरबंद कर दिया गया है। इसी बीच परीक्षा में फेल होने पर तीन दिन पहले खुद को आग लगाने वाली एक छात्रा की करीमनगर में एक अस्पताल में मौत हो गई। इसके साथ ही 18 अप्रैल को परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद आत्महत्या करने वाले विद्यार्थियों की संख्या 21 हो गई है।

सोमवार को तेलंगाना उच्च न्यायालय में मामले की सुनवाई हुई। राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि उसने अनुत्तीर्ण हुए सभी छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं के निशुल्क पुनरीक्षण का आदेश दे दिया है। राज्य सरकार ने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया आठ मई तक पूरी हो जाएगी।

अदालत ने बीआईई को पुनरीक्षण के बाद उत्तीर्ण होने वाले छात्रों का विवरण दाखिल करने का आदेश दिया। इंटरमीडिएट के 11वीं और 12वीं में कुल 9.74 लाख छात्रों ने फरवरी-मार्च में परीक्षा दी थी जिनमें 3.28 लाख छात्र अनुत्तीर्ण हो गए। इसके बाद मूल्यांकन में भारी पैमाने की गड़बड़ियों की आशंका जताई गई। पहले साल जिन बच्चों के बेहतरीन अंक आए थे, दूसरे साल में उन्हीं को सौ में दस से भी कम अंक मिले हैं। कई बच्चों ने परीक्षा दी लेकिन उन्हें गैरहाजिर बता दिया गया।

सरकार ने तीन सदस्यीय समिति बनाई जिसने बीआईई और आईटी कंपनी ग्लोबारेना टेक्नोलॉजीज (जिसकी सेवा परीक्षा के संबंध में ली गई थी) द्वारा कई गड़बड़ियां पाईं। बीआईई ने रविवार को एक ऐसे शिक्षक को निलंबित कर दिया जिसने एक विद्यार्थी को एक विषय में मिले 99 अंकों की जगह जीरो लिख दिया।