खुदाई ‘माफियाओं’ पर अंकुश रखने के लिए नगरसेवकों मांगा यह अधिकार!

पुणे | समाचार ऑनलाइन

सड़कों की खुदाई की अनुमति देने की नीति तय करने के प्रस्ताव पर बरसात में सड़कों पर बने गड्ढों पर हर साल की तरह पारंपरिक और तकरीबन दो घंटे की मैराथन चर्चा चली। इसमें अंडरग्राउंड केबल के लिए खुदाई करनेवाली केबल औऱ निजी टेलीकॉम कंपनियों को खुदाई ‘माफिया’ करार देते हुए सर्वदलीय सदस्यों ने उनपर अंकुश रखने की मांग की। केबल माफिया नगरसेवकों को ताक पर रखते हैं, हर कोई खुद को किसी न किसी नेता का रिश्तेदार बताकर दादागिरी करता है। ऐसे आरोप लगाते हुए सड़कों की खुदाई के लिए अनुमति देते वक्त नगरसेवकों की ‘एनओसी’ लेना अनिवार्य करने की अजीबोगरीब मांग भी कर दी गई। हांलाकि इस मांग पर कोई फैसला नहीं हो सका, मगर इससे नगरसेवकों की भूमिका पर संदेह का दायरा जरूर गहरा हो गया।

महापौर नितिन कालजे की अध्यक्षता में संपन्न हुई सर्व साधारण सभा में सत्तादल भाजपा के वरिष्ठ नगरसेवक विलास मड़ेगीरी की अगुवाई में सड़कों की खुदाई के लिए अनुमति देने संबंधी तैयार की गई नीति का प्रस्ताव पेश किया गया। इस प्रस्ताव पर दो घन्टे की मैराथन चर्चा चली। जैसी उम्मीद जताई जा रही थी, इस प्रस्ताव पर बरसात के दिनों में गड्ढों के चलते चलनी बनी सड़कों की अवस्था, प्रशासन पर आरोप और टिप्पणियों की बौछार, राष्ट्रवादी कांग्रेस की गड्ढा दिखाओ सौ रुपये इनाम पाओ की ‘सेल्फी विथ गड्ढे’ मुहिम जैसे कई मुद्दों पर बहस छिड़ी। इसके अलावा इस प्रस्ताव की चर्चा में केबल व टेलीकॉम कंपनियों की मनमानी तकरीबन सभी सदस्यों के निशाने पर रही। ठीक बरसात के दिनों में ही इन कंपनियों को खुदाई की अनुमति कैसे दी जाती है? यह सवाल उठाकर केबल माफियाओं की दादागिरी का मुद्दा उठाया गया।

इन केबल माफियाओं और टेलीकॉम कंपनियों की मनमानी और दादागिरी पर लगाम कसने के लिए नगरसेवकों ने खुदाई के लिए अनुमति देते वक्त स्थानीय नगरसेवकों से एनओसी लेना अनिवार्य करने की मांग की। इस बहस में रिलायंस और जियो सभी के निशाने पर रहे। इसकी आड़ में सत्तादल पर निशाना साधने में विपक्षी दलों ने कोई कसर नहीं छोड़ी। बहरहाल खुदाई की अनुमति देने की नीति तय करने का प्रस्ताव उपसुझाव के साथ पारित किया गया। इस चर्चा में शिवसेना के गुटनेता राहुल कलाटे, नगरसेविका अश्विनी चिंचवड़े, मीनल यादव, नगरसेवक निलेश बारणे, राष्ट्रवादी कांग्रेस के वरिष्ठ नगरसेवक भाऊसाहब भोईर, मंगला कदम, जावेद शेख, मनसे के गुटनेता सचिन चिखले, भाजपा के नामदेव ढाके, सीमा सावले, सभागृह नेता एकनाथ पवार, सचिन चिंचवड़े, माउली थोरात समेत अन्य सदस्यों ने हिस्सा लिया।