पुणे में मूसलाधार बारिश ने मचाई त्राहि- त्राहि, 2 बच्चे और 3 वृद्धाओं समेत गई 14 जानें; 9 अबतक लापता

पुणे : समाचार ऑनलाइन – शहर समेत समूचे पुणे जिले में बुधवार की रात हुई मूसलाधार बारिश ने त्राहि-त्राहि मचाकर रख दिया है। शहर समेत जिले के पांच तालुका इस मूसलाधार बारिश से प्रभावित हुए हैं। शहर समेत जिले के ग्रामीण परिसरों के नदी- नालों में बाढ़ आई और जगह- जगह घरों व सोसायटियों में जलजमाव हुआ। इस अतिवृष्टि ने पूरे जिले में 14 लोगों की जान ले ली है जबकि नौ अन्य लोग अब तक लापता हैं। मरनेवालों में दो बच्चे और तीन वृद्धाओं का समावेश है। इसके अलावा छोटे- बड़े 832 मवेशियों की भी मौत हुई है और 14 मवेशी लापता हैं।

अतिवृष्टि की जानकारी देते हुए पुणे के जिलाधिकारी नवलकिशोर राम ने बताया कि, इस बाढ़ से पुणे शहर समेत जिले के 15 में से पुरन्दर, हवेली, बारामती, भोर आदि पांच तालुका प्रभावित हुए हैं। इस अतिवृष्टि से 14 लोगों और 832 मवेशियों के मारे जाने की जानकारी भी उन्होंने दी। मरनेवालों में पुणे शहर के 6, हवेली तालुका के 6, पुरंदर तालुका के 2 लोग शामिल हैं। बाधग्रस्तों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। बचाव व राहत कार्य के लिए एनडीआरएफ की पांच टीमें तैनात हैं। बाधग्रस्तों को प्रशासन की ओर से सभी मदद उपलब्ध कराई जाएगी।

पुणे शहर में मरनेवालों में रोहित भरत आमले (12), संतोष कदम (55), श्रीमती सौंदलीकर (32), सौंदलीकर का पुत्र (9), लक्ष्मीबाई पवार (70), ज्योत्स्ना राने (30) का समावेश है। इसके अलावा विटकर ऑगस्टिन सांगले (36) नामक व्यक्ति टाटा टियानो गाड़ी समेत लापता है, उनके पानी में बह जाने की आशंका जताई जा रही है। पुरन्दर तालुका में गजराबाई सुदाम खोमणे (70) और छकुली अनन्ता खोमणे (22) की मौत हो गई है और एक व्यक्ति लापता है। हवेली तालुका में गौरी शाम सूर्यवंशी, आरती शाम सूर्यवंशी, शाम रामलाल सूर्यवंशी, मछिन्दर पांडुरंग बनवले और सुमन आजिनाथ शिंदे (65) का मृतकों में समावेश है। उनके अलावा साईनाथ सोपान भालेराव समेत सात लोग पानी में बह गए हैं। इन अलग अलग घटनाओं में कुल 14 लोगों की मौत हो गई और नौ लोग लापता है। इसके साथ ही 788 छोटे और 44 बड़े जानवरों की मौत हुई है और 14 जानवर लापता है।

एक हजार परिवारों के 3065 लोग स्थानांतरित

22 साल बाद पहली बार अगस्त में ही सभी बांध भर गए। इस साल पुणे जिले में औसतन 180 फीसदी बारिश हुई है। कल रात की बारिश का जोर सबसे ज्यादा था। इसका सबसे ज्यादा फटका पुणे शहर और जिले के 15 में से पांच तालुका को लगा है। इन तालुकों के 59 गांव इस अतिवृष्टि से प्रभावित हुए हैं। नाझरे बांध परिसर में ज्यादा बारिश होने से कऱ्हा नदी पात्र में 85 हजार क्युसेक पानी बह रहा था। इसका फ़टका बारामती शहर को लगा। एहतियात के तौर पर बारामती में 38 राहत शिविर बनाये गए हैं। इनमें ढाई हजार लोगों को स्थानांतरित किया गया है। पुणे शहर में भी तीन हजार लाग को कुछ समय तक स्थानांतरित किया गया।

राहत कार्य में रोड़ा नहीं बनेगी आचार संहिता

पुणे जिले में कुल एक हजार परिवार के 3065 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया, यह बताते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि, जिले में चट्टानें ढहने से पांच सड़कों की यातायात ठप्प पड़ गई थी। हालांकि बाद में चट्टानों व मलबा आदि हटाकर यातायात पूर्ववत की गई। जिले में बचाव व राहत कार्य मे एनडीआरएफ की पांच टीमों के 275 जवान कार्यरत है। उसमें से दो टीमें बारामती में तैनात है। इस आपातकालीन परिस्थितियों से निर्वाचन आयोग को भी अवगत कराया गया है। आयोग की सूचना व निर्देशानुसार बाढ़ग्रस्त लोगों को सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। बचाव व राहत कार्य में आचार संहिता की कोई बाधा नहीं आएगी, यह भी उन्होंने स्पष्ट किया।