जीत के बाद विजय शंकर ने खोला अंतिम ओवर का राज

– आखिरी ओवर के पहले बुमराह ने ये कहा

नागपुर : समाचार ऑनलाइन – विजय शंकर के ऑल राउंडर प्रदर्शन के साथ भारत ने पिछले मैच में ऑस्ट्रेलिया को 8 रनों से हरा दिया। इस मैच के बाद से अब शंकर को विश्व कप का टिकट दिए जाने की बातें होने लगी हैं। नागपुर वनडे में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी ओवर में टीम को जीत दिलाने के बाद शंकर की चौतरफा तारीफ हो रही है। आखिरी ओवर में शंकर ने 2 रन देकर 2 विकेट लेकर टीम को 8 रन से जीत दिलाई।

इसके अलावा शंकर ने बल्ले से भी शानदार 46 रन बनाए। मैच के बाद शंकर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मैंने पहला ओवर काफी महंगा फेंका था और मैं उसकी भरपाई करने के लिए ऐसे ही मौके का इंतजार कर रहा था। मैं दबाव में गेंदबाजी करने के लिए तैयार था। मैं जानता था कि अगर मैं दबाव में प्रदर्शन करूंगा तभी टीम मुझ पर भरोसा कर सकेगी कि मैं हर परिस्थिति में टीम के लिए प्रदर्शन कर सकता हूं। जब 43वां ओवर चल रहा था तभी मैंने खुद को मानसिक रुप से तैयार कर लिया था कि मैं आखिरी ओवर फेंकने जा रहा हूं। ईमानदारी से कहूं तो जब मैं गेंदबाजी करने आया। मुझ पर किसी तरह का दबाव नहीं था।

आगे उन्होंने कहा कि आखिरी ओवर से पहले बुमराह मेरे पास आए और कहा कि गेंद स्विंग हो रहा है, बस खुद पर विश्वास रखो और अच्छी लेंथ पर गेंद करो। जब बुमराह जैसा बड़ा गेंदबाज आपके पास आता है और आपको ये बातें बोलता है तो आत्मविश्वास अपने आप दोगुना हो जाता है। विकेट पर उछाल भी दूसरी पिचों के मुकाबले कम था। एक सही लेंथ पर गेंदबाजी करना चुनौती था, लेकिन मेरे लिए अच्छी बात ये थी कि मैं मानसिक रुप से इस मौके के लिए तैयार था। जब आप अपने देश के लिए खेलते हैं तो आपको हर चुनौती के लिए तैयार रहना पड़ता है। मैं खुद से हमेशा कहता रहता हूं कि मुझे मेरे खेल के हर विभाग में सुधार करते रहना है ताकि जब कभी मौका आए तो मैं उस मौके पर टीम के लिए खरा उतर सकूं।

शंकर ने कप्तान कोहली की तारीफ करते हुए कहा कि विराट के साथ बल्लेबाजी करना मेरे लिए एक खास पल था। बल्लेबाजी के दौरान वो मेरी बहुत मदद कर रहे थे। कोहली के क्रीज पर रहते मैंने सिंगल- डबल लेने पर भी ध्यान केंद्रित किया। उनके साथ बल्लेबाजी के दौरान मैंने सीखा कि खेल को आगे कैसे लेकर जाना है। अगर मैं इसी तरह सीखता रहा तो मेरी बल्लेबाजी में धीरे-धीरे सुधार होता रहेगा।