WhatsApp में ‘इस’ बड़े बदलाव की मांग कर रही है सरकार, जानें क्या है वजह

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाईन – सरकार ने अब सोशल मीडिया में बढ़ती गड़बड़ी पर लगाम लगाने का मन बना लिया है । लगातार मिल रही शिकायतों के बाद अब सरकार ने एक शख्त कदम उठाया है. सरकार ने व्हाट्सअप से सारे मैसेज को डिजिटली फिंगरप्रिंट करने का आदेश दिया है । एक समाचार पत्र की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार का कहना है कि व्हाट्सअप अपने प्लेटफार्म में भेजे जाने वाले हर  मैसेज बिना कोई बदलाव किया उसका डिजिटली फिंगरप्रिंट करे । ताकि सभी कंटेंट को ट्रेस किया जा सके । साथ मैसेज को बिना पढ़े व्हाट्सअप ये भी जान सके कि मैसेज को कितने लोगों ने पढ़ा और फॉरवर्ड किया है ।
फिंगरप्रिंट से यह पता लगाने में मदद मिलेगी
सरकारी अधिकारियो ने बताया कि व्हाट्सअप मैसेज के फिंगरप्रिंट से यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि कोई मैसेज कहां से शुरू हुआ हैं । उन्होंने कहा कि हम मैसेज पढ़ना नहीं चाहते है लेकिन हमें कोई गलत मैसेज दीखता है तो और हम व्हाट्सअप से उसे शुरू करने वाले के बारे में पूछते है तो हमें जानकारी मिलनी चाहिए।
कुछ ही मामलो में जानकारी मांगी जाएगी
एक दूसरे अधिकारी ने बताया कि सरकार कुछ ही मामलो में जानकारी मांगेगी। उन्होंने बताया हम कम से कम रिक्वेस्ट भजने की कोशिश करेंगे। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि वह अगर सरकार की मांग मानती है तो उसे नए सिरे से सब व्यवस्थित करना होगा।
दिसंबर 2008 में आईटी एक्ट में संसोधन पेश हुआ था 
सरकारी जांच एजेंसियो की शिकायत रही है कि व्हाट्सअप में नाम, यूजर्स के डिस्प्ले इमेज और ग्रुप में मेंबर्स की संख्या की जानकारी मिलती है जो गलत मैसेज भेजने वालो का पता लगाने के लिए काफी नहीं है । दिसंबर 2008 में आईटी एक्ट में संसोधन का जो मसौदा तैयार किया गया था उसमे सभी इंटरनेट प्लेटफार्म पर शेयर की जाने वाली मैसेज के ओरिजनल का पता लगाने की जिम्मेदारी संबंधित कंपनियों पर डाली गई है । व्हाट्सअप पहले के कह चुकी है कि एक साथ कई लोगों को कुछ ही मिनट के अंतर पर मैसेज भेजने वालो पर करवाई की जायगी।