दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल फैक्ट्री क्यों है खास

नई दिल्ली /समाचार ऑनलाइन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण कोरिया के राष्‍ट्रपति मून जे इन के साथ नोएडा में सैमसंग के प्‍लांट का उद्घाटन करने मेट्रो से पहुंच चुके हैं। यह दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल फैक्ट्री है। नोएडा के सेक्टर 81 में स्थित सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स की यह फैक्ट्री 35 एकड़ में फैली है। आइये जानते हैं कि आखिर ये फैक्ट्री क्यों ख़ास है:

दक्षिण कोरियाई कंपनी की इस फैक्ट्री में 4,915 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है। सैमसंग अभी भारत में 6.7 करोड़ स्मार्टफोन बना रही है, जबकि इस फैक्ट्री के शुरू होने पर करीब 12 करोड़ मोबाइल फोन की मैन्युफैक्चरिंग होगी। नई फैक्ट्री में सिर्फ मोबाइल ही नहीं बल्कि सैमसंग के कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक सामान का उत्पादन भी होगा। जायज है कि इतनी बड़ी फैक्ट्री के बनने से बड़े पैमाने पर नए रोगजार का सृजन होगा।

70 हजार को मिला रोजगार
भारत में सैमसंग के दो मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं, एक नोएडा और दूसरा श्रीपेरुंबदूर में। इसके अलावा सैमसंग के पास देश में पांच रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर हैं। भारत में कंपनी के 1.5 लाख रिटेल आउटलेट हैं। सैमसंग के जरिए 70 हजार लोगों को रोजगार मिला हुआ है, जो अब और बढ़ सकता है।

भारत को क्यों चुना?
सैमसंग ने दुनिया के कई बड़े देशों को छोड़कर भारत में ही सबसे बड़ी फैक्ट्री क्यों शुरू की? ये सवाल सबके मन में है। दरअसल, इसके कई कारण हैं, लेकिन, सबसे बड़ा यह कि भारत में मोबाइल कंपनियों को अपनी फैक्ट्री लगाने में ज्यादा परेशानी नहीं उठानी पड़ती। जबकि, दूसरे देशों में कई तरह की कानूनी बाधाओं से गुजरना पड़ता है। इसके अलावा, दूसरे देशों के मुकाबले भारत में टैक्स और श्रम लागत भी कम है। भारत में विनिर्माण कंपनियों के लिए फायदेमंद है क्योंकि यहां एक बड़ा घरेलू बाजार है। यही कारण है कि कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने अपनी विनिर्माण इकाई भारत में खोली हैं।

500 कंपनियां
भारत में दक्षिण कोरिया की सैमसंग, एलजी, हुंडई समेत 500 से ज्यादा कंपनियां हैं। भारत चाहेगा कि कोरिया इन परियोजनाओं में भूमिका और बढ़ाए, ताकि इसका भारत को भी ज्यादा फायदा मिल सके। कोरिया डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया और स्टार्ट अप इंडिया के साथ ही भारत की 70 हजार करोड़ रुपए जुटाने में मदद कर रहा है। यही वजह है कि पहली बार मून खुद भारत दौरे पर हैं।