करोड़ो रुपए के जमीन घोटाला मामले में महिला नायब तहसीलदार गिरफ्तार

पुणे : समाचार ऑनलाइन – करोड़ो रुपए की सरकारी जमीन को गैरकानूनी रुप से हस्तांतरण कर धोखाधड़ी करने के मामले में नायब तहसीलदार गीतांजली नामदेवराव गरड को समर्थ पुलिस ने गिरफ्तार किया है। समर्थ पुलिस स्टेशन में इस मामले में अपराध दर्ज किया गया है। इस अपराध में उनका हाथ होने की बात निश्चित होने के बाद नायब तहसीलदार को समर्थ पुलिस ने बुधवार की शाम को गिरफ्तार किया है।
जिला पुनर्वसन अधिकारियों के कार्यालय के लिपिक चंद्रशेखर ढवले फर्जी आदेश तैयार किए। यह आदेश फर्जी है, ऐसा पता होने के बावजूद असली बताया गया। उसके बाद सुभाष कारभारी नलकांडे ने उसका इस्तेमाल किया व उस आदेश के जरिए प्रोजेक्ट ग्रस्त किसानों का नाम शिरुर तहसील कार्यालय के पुनर्वसन लिपिक रमेश वाल्मिकी ने फर्जी आवेदन तैयार किया। जिसपर कार्रवाई के अधिकारी नहीं होने के बावजूद तहसीलदार के माध्यम से तत्कालीन नायब तहसीलदार गरड ने उनकी टिप्पणी ली। वह अभिलेख तत्कालीन मंडल अधिकारी बलीराम खंडूजी कड ने जांच न करते हुए प्रमाणित किया। उसके बाद प्रोजेक्ट ग्रस्त किसानों का फर्जी आवेदन तैयार कर उन्होंने शासन प्रदान जमीन का अधिभोग वर्ग बदलने के लिए अधिकार उपजिलाधिकारी व वरिष्ठ अधिकारियों के होने के बावजूद शिरूर तहसील कार्यालय में दाखिल किए। जिसपर गरुड ने टिप्पणी दी थी। जिसके आधार पर सरकारी जमीन के प्रोजेक्ट ग्रस्त किसानों के नाम पर हुई जमीन का अधिभोग वर्ग बदलाव का काम गांव कामगार पटवारी कासारी काले ने हेरफेर कर रजिस्टर में दर्ज किया। जिसका किसी भी तरह से सत्यापन नहीं करते हुए अनदेखी की गई।
सरकारी जमीन का हस्तांतरण होने के बाद उसका अधिभोग वर्ग बदलने की वजह से जमीन बिक्री के सरकारी प्रतिबंध फर्जी आदेश के आधार पर उल्लंघन किया। जिस कारण जमीन फिर से आम नागरिकों को बेचा गया। जिसके चलते शासन व नागरिकों की धोखाधड़ी हुई है। अब तक की जांच में ऐसे बहुत से मामले में सामने आए हैं। 60 एकड़ से ज्यादा सरकारी जमीनी गैरकानूनी रुप से हस्तांतरण हुआ है। इस जमीन की कीमत करोड़ो रुपए की है, इस मामले में किसी भी किसान के साथ धोखाधड़ी हुई हो तो उन्होंने समर्थ पुलिस स्टेशन में संपर्क करने की अपील पुलिस ने की है।
मामले की अधिक जांच पुलिस सह आयुक्त शिवाजी बोडके, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त पश्चिम प्रादेशिक विभाग रविंद्र सेनगांवकर, परिमंडल 1 के पुलिस उपायुक्त सुहास बावचे, फरासखाना विभाग के सहायक पुलिस आयुक्त प्रदीप आफले, वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अरुण वायकर, पुलिस निरीक्षक (क्राइम) सुरेश बेंद्र के मार्गदर्शन में पुलिस उपनिरिक्षक प्रभाकर कापुरे कर रहे हैं।