पन्ना. ऑनलाइन टीम : किस्मत कब पलट जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। एक मजदूर के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है। लॉकडाउन में जब चारों ओर बंदी होने लगी तो विशेष रूप घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर अनेक स्थानों पर काम करने वाले मजदूर घरों की ओर लौटे। उनमें यह मजदूर भी शामिल था। नाम है भगवान दास।
भगवान दास कुछ दिन तक तो घर में बैठा रहा, लेकिन बाद में भूखों मरने की नौबत आई, तो काम करने की ठानी। पन्ना जिले के किटहा स्थित उथली हीरा खदान में भगवान दास ने अपने साथियों के साथ खनन शुरू किया। खनन होने के बाद बीते कुछ दिनों से वह छनाई कर रहा था। छनाई के दौरान भगवान दास को 2 हीरे मिले हैं। हीरे को देख वह खुशी से खदान में ही उछल पड़ा। उसके बाद हीरे को लेकर पन्ना जिला मुख्यालय स्थित हीरा कार्यालय में पहुंचा।
अधिकारियों के अनुसार 2021 में हीरा कार्यालय में यह पहला हीरा जमा हुआ है। भगवान दास को जो हीरे मिले हैं, वो 7.94 और 1.93 कैरेट के हैं। बाजार में इसकी अनुमानित कीमत करीब 30 लाख रुपये है। भगवान ने हीरा को खनिज कार्यालय में जमा कर दिया है। नीलामी के बाद जो राशि आएगी, उस पर टैक्स काट कर भगवान को भुगतान कर दिया जाएगा। भगवान अपने परिवार और साथियों के साथ हीरा जमा करने के लिए यहां पहुंचा था।
बता दें कि मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में हीरों की खानें हैं। दूर-दूर से लोग पन्ना की रत्नगर्भा वसुंधरा में आते हैं। यहां आने वाले हर किसी व्यक्ति के मन में केवल एक ही एक ही तमन्ना रहती है कि उसके हाथ भी एक चमकीला पत्थर लग जाए, जिससे उसकी किस्मत संवर जाए। यहां पर आने वालों की जीवन में ये चमत्कार भी हुआ है। हीरे से किस्मत बदलने की कहानियां तो ढेरों हैं। इस मजदूर ने कहा कि अब इन पैसों से घर की जरूरतें पूरी होंगी और बच्चों की पढ़ाई-लिखाई अच्छे से हो जाएगी। हीरे मिलने के बाद मुझे बहुत खुशी है। अभी और मेहनत करेंगे।