चूने के कारण बचपन में नेत्रहीन हो गया था युवा, शिरूर के डॉक्टर ने अब उसकी आँख की रोशनी वापिस लौटाई

अहमदनगर: समाचार ऑनलाइन– बचपन में एक आँख में चूना चले जाने के कारण एक युवा ने अपनी एक आँख की रोशनी खो दे थी. पुणे के इस युवा ने आँखों के इलाज के लिए जगह-जगह के चक्कर लगाए, लेकिन कोई भी डॉक्टर उसकी आँखों की रोशनी नहीं लौटा पाया. लगभग हार मान चुके युवा आकाश ससाने को शिरूर के नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉक्टर स्वप्निल भालेकर उसकी आँखों की रोशनी लौटने में सफल साबित हुए हैं.

डॉक्टर स्वप्निल भालेकर ने आकाश की खराब आँख की स्टेम सेल ट्रांसप्लांटेशन सर्जरी की है. डॉक्टर स्वप्निल का कहना है कि, “सर्जरी होने के बाद प्रभावित आंख काम कर रही है और जल्द ही आकाश पूरी तरह स्पष्ट देख पाएगा.”

सालों से अंधत्व झेल रहे आकाश का यह सफल ऑपरेशन नगर के आनंद ऋषि नेत्रालय में किया गया है.

चूना-तंबाकू खाने वाले सावधान

डॉक्टर स्वप्निल ने बताया कि, चूना आंख के पारदर्शी हिस्से को नुकसान पहुंचा सकता है. स्टेम सेल में चोट लगने के कारण व्यक्ति नेत्रहीन भी हो सकता है. चूने के कारण आँख के सफेद हिस्से पर निशान बन सकता है. इसलिए ऐसा होने पर आँख का उपचार कराना बेहद आवश्यक है. ग्रामीण लोग चुने-तंबाकू का सेवन करते है. इसलिए चुने की पुडिया खोलते वक्त उन्हें सावधानी बरतनी चाहिए कि चूना कहीं आँखों में न उड़ जाए. अगर ऐसा होता है तो, तुरंत पानी से आँखों को धोकर, रुई के फाहे या सूती कपड़े से साफ करें व इसके बाद डॉक्टर को दिखाएँ.

क्या है स्टेम सेल सर्जरी

स्टेम सेल प्रत्यारोपण में रोगी की दूसरी आँख से स्टेम सेल निकाला जाता है. अगर रोगी की दोनों आँखे प्रभावित है तो, उनके माता-पिता की आँखों की कोशिकाओं को निकल कर, मरीज की दोनों आंखों में इनका इस्तेमाल किया जाता है. स्टेम सेल सर्जरी के लगभग 6 सप्ताह के बाद  आंखों की रोशनी लौट आती है. बता दें कि भारत में चुनिंदा डॉक्टर ही हैं जो इस जटिल व कठिन सर्जरी को करते हैं.