दिल्ली में बंदूकों से जुड़े अपराधों में वृद्धि

 नई दिल्ली, 30 जुलाई (आईएएनएस)| दिल्ली में पिछले कुछ महीनों में अपराध में, विशेषकर बंदूकों के जरिए अंजाम दिए गए अपराधों में अचानक से तेजी आई है, जिससे देश के राजनीतिक और प्रशासनिक नेतृत्व के केंद्र राष्ट्रीय राजधानी में कानून-व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं।

  अपराधियों और गैंगस्टरों में, विशेषकर पुलिस के खिलाफ बंदूकों के इस्तेमाल का चलन काफी बढ़ गया है।

चाहे डकैती हो, निजी दुश्मनी हो, या संदिग्ध गैंगवार, बंदूकों का इस्तेमाल बढ़ गया है और राष्ट्रीय राजधानी में इस साल 15 जून तक ऐसे 375 मामले दर्ज किए जा चुके हैं।

यहां तक कि झपटमारी के मामलों में भी बंदूकों के इस्तेमाल का चलन बढ़ रहा है।

राहगीर और ऑफिस जाने वाले राष्ट्रीय राजधानी में डर के माहौल में रहते हैं कि कब कोई झपटमार उन पर हमला कर दे, और अगर वे इसका विरोध करने लगें तो उन पर गोलीबारी भी हो सकती है।

दक्षिण दिल्ली के ओखला क्षेत्र में काम करने वाले एक इंजीनियर विपिन मेहरा ने कहा, “हम इतना ज्यादा आपराधिक घटनाओं के बारे में पढ़ते हैं। वास्तव में लोगों की सहन शक्ति भी कम है। आप को पता नहीं होता कि कब कौन आप पर बंदूक से गोली चल दे। सड़क पर आपका वाहन किसी अन्य वाहन से रगड़ जाने पर भी इस तरह की घटना घट सकती है।”

उन्होंने कहा कि अगर कोई आप पर बंदूक तानकर आपसे आपका पर्स मांगता है, तो उससे लड़ने के बजाय उसे पर्स देने में ही भलाई है, नहीं तो आपको गोली मारी जा सकती है।

हाल ही में दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के द्वारका में सुबह-सुबह ही एक महिला को गोली मार दी गई थी। दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में दो भाड़े के हत्यारों को गिरफ्तार किया है।

उत्तरी दिल्ली के सिविल लाइंस क्षेत्र में एक सप्ताह पहले एक व्यापारी को गोली मार दी गई थी।

ज्यादातर मामलों में दिल्ली पुलिस द्वारा बहुत जल्द गिरफ्तारी करने के बावजूद सवाल यह है कि बंदूकें इतनी आसानी से कैसे उपलब्ध हो जाती हैं और उनका इस्तेमाल हो जाता है, वह भी देश की राजधानी में।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, “(पुलिस) विभाग बंदूकों और अन्य हथियारों से जुड़े अपराधों को कम करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है।”

उन्होंने कहा कि पुलिस पश्चिमी उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ भागों से हथियारों की आपूर्ति करने वाले गिरोहों की तलाश भी कर रही है।