महिला भारतीय फिल्मकार अब वैश्विक स्तर पर नजर आती हैं : तनिष्ठा चटर्जी

मुंबई, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| ‘बॉम्बे रोज’, ‘डॉली किट्टी एंड दोज ट्विक्लिंग स्टार्स’ और ‘द स्काइ इज पिंक’ की भारतीय महिला फिल्मकारों ने अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में बड़े पैमाने पर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। अब तनिष्ठा चटर्जी भी इन लोगों में शामिल हो गई हैं। वह फिल्म ‘रोम रोम में’ से अपना डायरेक्शनल डेब्यू करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

तनिष्ठा ने आईएएनएस से कहा, “मैंने ऐसा महसूस किया है कि बीते कुछ सालों में हमारी फिल्मों को ए-लिस्ट फिल्म फेस्टिवल्स में पहचान मिल रही है। हम भारत से अच्छी संख्या में फिल्मों का प्रतिनिधित्व देख रहे हैं। इन फिल्मों में दिलचस्प कहानियां बताई गई हैं और इनमें से कई फिल्मों को महिला फिल्मकारों ने बनाया है। मेरे ख्याल से यह बदलाव एक सकारात्मक दिशा में हो रहा है।”

‘रोम रोम में’ में नेशनल अवॉर्ड विजेता अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दकी नजर आएंगे। इस फिल्म की स्क्रिीनिंग बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में किया जाएगा।

गीतांजलि राव, अलंकृता श्रीवास्तव और सोनाली बोस जैसी फिल्मकारों ने इन फेस्टिवल्स में अपनी गहरी छाप छोड़ी है।

तनिष्ठा का मानना है कि डिजिटल टेक्नोलॉजी के आने से कई फिल्मकारों को नई कहानी को सबके सामने प्रस्तुत करने में मदद मिली है।

तनिष्ठा ने आगे बताया, “अब फिल्मों की शूटिंग करना खर्चीला नहीं रहा, ऐसे में कई कहानीकार एक्सपेरिमेंट करने का साहस कर रहे हैं, जो नई कहानियों के लिए दरवाजे खोल रहा है और नई प्रतिभाएं निर्भय होकर सामने आ रही हैं। आप रीमा दास(‘विलेज रॉकस्टार्स’ और ‘बुलबुल केन सिंग’ की नेशनल अवॉर्ड विजेता निर्देशक ) को ही ले लिजिए, जिन्होंने दो बहुत ही आनंदित करने वाले फिल्में बनाई हैं, जिन्हें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में दिखाया गया और वैश्विक दर्शकों ने उन्हें सराहा भी। उन्होंने खुद से सब कुछ किया, लेखन और फिल्मों की शूटिंग से लेकर उन्हें संपादित करने तक सब कुछ। महिला फिल्मकार सबके सामने आ रही हैं, और इसके लिए वे योग्य भी हैं।”