वायुसेना पायलट के परिवार का दर्द, ‘हम अपने जवानों को पुरानी मशीनें देते हैं’

 नई दिल्ली, 5 फरवरी (आईएएनएस)| स्क्वाड्रन लीडर समीर अबरोल की पत्नी गरिमा अबरोल के नाम से एक संदेश वायरल हो रहा है, जिसमें कहा जा रहा है, “हम हमारे योद्धाओं को लड़ने के लिए पुरानी मशीनें देते हैं, फिर भी वे अपनी पूरी ताकत और कौशल के साथ लड़ते हैं।

 ” मिराज 2000 के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने की घटना में समीर अबरोल और उनके साथी सिद्धार्थ नेगी शहीद हो गए थे।

लेकिन समीर के भाई सुशांत ने मंगलवार को आईएएनएस को बताया कि यह संदेश उन्होंने दिया था न कि गरिमा ने। उन्होंने कहा कि वह विमान में अपने भाई के ताबूत के साथ वापस आते वक्त भावनाओं से भर गए थे और यह सिस्टम पर की गई सामान्य टिप्पणी है, किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं है।

संदेश में उन्होंने कहा, “उनकी गहरी अंतिम सांसों से लगा कि यदि नौकरशाही अपनी भ्रष्टता की मौज-मस्ती में मशगूल न होती तो ऐसा नहीं हुआ होता।” लेकिन सुशांत ने कहा कि ‘भ्रष्ट’ शब्द को गलत तरीके से लिया गया।

उन्होंने कहा कि उस विमान में आठ अन्य अधिकारी थे और उन्होंने सभी की आंखों में आंसू देखें, क्योंकि वे सभी मेरे भाई के साथी थे, जिन्होंने अपना सारा वक्त उन्हीं के साथ बिताया था। उन्होंने कहा, “मुझे अहसास हुआ कि यह हम में से किसी के साथ भी हो सकता है। यह परिवार को हुई क्षति नहीं, बल्कि वायुसेना और उनके दोस्तों को हुई क्षति है।”

उन्होंने कहा, “मैंने जो कुछ भी उसमें लिखा, वह भावना के प्रवाह में था।”

सुशांत ने कहा कि परिवार भारतीय वायुसेना के साथ दुर्घटना की जांच रपट का इंतजार कर रहा है, ताकि कारणों का पता चल सके।

अबरोल और नेगी एयरक्राफ्ट एंड सिस्टम्स टेस्टिंग एस्टिब्लेशमेंट(एएसटीई) के अत्यंत प्रशिक्षित पायलट थे।

रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को दोनों पायलट के परिवारों से मुलाकात की और अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।

इस घटना ने एचएएल को जवाबदेही के घेरे में ला दिया है। विमान को एचएएल द्वारा उन्नत किया गया था।

अपने भाई के बारे में सुशांत ने कहा कि उन्होंने एक परीक्षण पायलट बनने का विकल्प चुना था, जो सामान्य लड़ाकू विमान से पांच गुणा जोखिम वाला होता है।