60.9 फीसदी मध्यमवर्ग को बजट से थी अधिक उम्मीदें

नई दिल्ली, 2 फरवरी (आईएएनएस)। आईएएनएस सी वोटर बजट स्नैप पोल 2021 में हुए खुलासे के मुताबिक, सोमवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट (2021) से मध्यमवर्ग को कहीं अधिक उम्मीदें थीं।

इस सर्वेक्षण में नमूने के आधार पर 1200 लोगों से बात की गई, जिनमें से 60.9 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि मध्यमवर्ग को इस बजट से काफी उम्मीदें थीं, जबकि 26.5 प्रतिशत लोगों ने इसका जवाब ना में दिया।

महंगाई पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए 59.6 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि बजट के बाद मूल्य में गिरावट होगी, जबकि 25.2 प्रतिशत इससे सहमत नहीं नजर आए।

अधिकतर लोगों के लिए देश के राजकोषीय घाटे का 9.5 प्रतिशत होना एक चिंताजनक विषय है, जबकि 27 फीसदी लोगों ने जवाब ना में दिया।

साल 2021 के लिए पेश की गई बजट की बातें कई लोगों के समझ से परे रही। अधिकतम 28.6 प्रतिशत लोग इससे जुड़ी प्रमुख बातों को समझने में नाकामयाब रहे, जबकि 27.4 प्रतिशत लोगों ने कहा कि बजट किसानों पर केंद्रित रहा, जबकि 22 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इसमें सेहत को मुद्दा बनाया गया और 13.9 प्रतिशत लोगों ने कहा कि यह पैसे जुटाने के ऊपर था।

बहरहाल, लोग सेहत पर अधिक खर्च करने की बात से खुश हैं। 47.4 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि सरकार ने हेल्थ बजट पर 135 फीसदी तक का इजाफा किया है, जबकि 35.1 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे इससे खुश नहीं है।

करीब 40.9 प्रतिशत लोगों ने कहा कि गुस्से में आए किसान बजट में हुई घोषनाओं से खुश नहीं होंगे, जबकि 40.2 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने इस पर हांमी भरी है।

ठीक इसी तरह से 41.9 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत किया गया बजट उनकी आशाओं के अनुरूप नहीं है, जबकि 40.8 लोगों ने कहा कि यह उनकी उम्मीदों पर खरा उतरा है।

जहां 44.2 प्रतिशत लोग इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव न आने के चलते निराश दिखे, वहीं 40.7 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे निराश नहीं हैं।

सर्वेक्षण में पता चला कि 46.4 प्रतिशत लोगों ने यह माना कि चुनावी राज्यों के लिए अधिक घोषणाएं की गई हैं, जबकि 36.4 प्रतिशत उत्तरदाता इससे असहमत नजर आए।

लगभग दो तिहाई लोगों ने माना कि इस बजट के माध्यम से सरकार ने यह बताना चाहा कि सेहत की अहमियत सबसे ज्यादा है। 62.5 प्रतिशत इससे सहमत दिखे, जबकि 24.7 प्रतिशत ने इस पर असहमति दिखाई।

अधिकतर लोगों का ऐसा मानना बिल्कुल भी नहीं रहा कि बजट से इस ओर इशारा किया गया है कि सरकार का खजाना खाली है, इस ओर 44.2 प्रतिशत लोगों ने झुकाव दिखाया, जबकि 42.2 प्रतिशत लोगों ने माना कि खजाना खाली है।

–आईएएनएस

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