बजट 2019: सालाना हर ग्रामीण परिवार को मिलेगा 18 हज़ार रुपए!

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – बजट 2019 से पहले देश के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविन्द सुब्रह्मण्यम ने कृषि संकट से निपटने के लिए प्रत्येक ग्रामीण परिवार को 18 हज़ार रुपए सालाना की एक अर्ध-सार्वभौमिक मूलभूत ग्रामीण आय (क्यूयूबीआरआई) का प्रस्ताव दिया है। इसका लाभ उन्हें नहीं मिलेगा जिनकी आय ‘अच्छी’ है। रिपोर्ट के अनुसार, इसकी अनुमानित लागत 2.64 लाख करोड़ रुपए होगी। इसे बजट 2019 में यूनिवर्सल बेसिक इनकम स्कीम के एलान की संभावना के रूप में देखा जा रहा है।

यह प्रस्ताव जेएच कंसल्टिंग के निदेशक जोश फेलमन, विश्व बैंक के अर्थशास्त्री बोबान पॉल और हार्वर्ड विश्वविद्याय के पीएचडी छात्र एम. आर. शरण के साथ लिखे परचे में दिया गया है। जिसमें कहा गया है कि ग्रामीण आबादी को करीब 18 हज़ार रुपए सालाना या 1,500 रुपए प्रति माह के सालाना घरेलू हस्तांतरण के दायरे में देश की 75 फीसदी ग्रामीण आबादी आएगी। जिसकी कुल लागत जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का करीब 1.3 फीसदी या 2.64 लाख करोड़ रुपए होगी।

इस परचे में ये भी सलाह दी गई है कि इस बोझ को केंद्र और राज्य सरकारों को आधा-आधा बांटना चाहिए। बता दें कि यह प्रस्ताव अंतरिम बजट से कुछ ही दिन पहले आया है। जिसमें किसानों के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) योजना की घोषणा होने की व्यापक रूप से उम्मीद है। इस दौरान उन्होंने यह भी सलाह दी हैं कि उर्वरक सब्सिडी को धीरे-धीरे तीन सालों में पूरी तरह खत्म कर देना चाहिए।