टीचर को हड़काने वाले सीएम की पत्नी का सालों से नहीं हुआ ट्रांसफर

देहरादून: उत्तराखंड में अपना तबादला रुकवाने की गुहार लगाने वालीं शिक्षिका उत्तरा पंत बहुगुणा को लेकर सख्ती दिखाने वाले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अब अपनी पत्नी को लेकर घिर गए हैं। आरटीआई के तहत शिक्षा विभाग ने बताया है कि सीएम रावत की पत्नी सुनीता रावत को देहरादून के अजायबपुर के प्राथमिक विद्यालय में 27 जून 1996 में तैनाती दी गई थी, इसके बाद 24 मई 2008 को उनका प्रमोशन भी किया गया। हालांकि इस प्रमोशन के बाद भी रावत की पत्नी का तबादला किसी अन्य जिले में नहीं हुआ। गौर करने वाली बात यह है कि जिस वक्त सुनीता रावत का प्रमोशन किया गया उस समय उत्तराखंड में भाजपा के बीसी खंडूरी मुख्यमंत्री थे।
विपक्ष ने तेज किये हमले
यह खबर सामने आने के बाद अब विपक्ष ने भाजपा सरकार पर हमले तेज़ कर दिए हैं। आपको बता दें कि गुरुवार शाम से शिक्षिका उत्तरा पंत बहुगुणा सीएम दरबार में ट्रांसफर रुकवाने की मांग लेकर पहुंचीं थीं। उन्होंने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के भाजपा के नारे को लेकर भी सीएम के सामने तंज कस दिया। यहीं से सीएम रावत भड़क गए और उन्होंने टीचर को सस्पेंड करो आदेश जारी कर दिया। इसके बाद शिक्षिका चोर-उचक्का कहकर गुस्से में शोर मचाने लगीं। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें जनता दरबार से बाहर कर दिया।
जो कहा ठीक कहा, भगवान से भी यही कहती
सस्पेंड हुई शिक्षिका ने शुक्रवार को मीडिया के सामने रोते हुए कहा, सीएम बोले कि इसे बाहर ले जाओ। इसे क्या होता है। मैं क्या कोई गई-गुजरी हूं? मुझे कोई पूछने वाला नहीं है? बहुगुणा ने कहा कि उनके पति नहीं हैं और भाई नहीं हैं तो उन्हें कोई पूछने वाला नहीं है। जब एक सीएम महिला शिक्षिका को ऐसा कह रहे हैं तो शिक्षिका क्यों नहीं जवाब दे सकती। उन्होंने कहा कि मैंने जो कहा, ठीक कहा और भगवान भी रहते तो यही बात कहती।