अमेरिका-ईरान के बीच युद्ध हुआ तो भारत को होगा बड़ा नुकसान

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – ईरान और अमेरिका के बीच तनाव चरम सीमा पर पहुंच गयी है। दोनों देशों में युद्ध का माहौल बना हुआ है। कई लोग तो इसे वर्ल्ड वॉर 3 का नाम दे रहे है। जानकारों का कहना है कि अमेरिका अगर ईरान पर और हमले करता है तो ये हमला एक बड़ा युद्ध में परिवर्तन हो जायेगा। मौजूदा हालत में पूरी दुनिया की नजर इन दोनों देशों में टिकी हुई है। जानकारों की मानें अमेरिका-ईरान के बीच युद्ध हुआ तो भारत को इसका नुकसान होगा।

तेल सप्लाई हो सकती है बाधित –

दोनों देशों के बीच अगर युद्ध हुआ तो भारत को कच्चा तेल आयात करने में भी दिक्कत आएगी। हालांकि बीते दो सालों में ईरान और अमेरिका के बीच जारी तनाव से भारत ने ईरानी तेल आयात को बहुत कम कर दिया है लेकिन, अब भी देश में तेल बड़ी तादाद में ईराक, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात से आयात होता है।  जिसका भारत तक पहुंचने का रास्ता फारस की खाड़ी में होर्मुज गलियारे से होकर गुजरता है।

तेल की कीमतों में आएगी तेजी –

भारत अपनी जरूरत का 83 फीसदी तेल आयात करता है। अमेरिका और ईरान में तनाव के बाद शुक्रवार को ब्रेंट कच्चा तेल 4.4 फीसदी चढ़कर 69.16 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। जंग की स्थिति में फॉरेन एक्सचेंज पर भी असर पड़ेगा। फॉरेन एक्सचेंज बढ़ा तो मंदी और गहरा जाएगी। खाने-पीने की चीजें, ट्रांसपोर्ट, रेलवे, प्राइवेट ट्रांसपोर्ट पर भी असर बुरा असर होगा।

शेयर बाजार पर पड़ेगा असर –

अमेरिका और ईरान टकराने का असर दुनियाभर के शेयर बाजारों पर दिख रहा है। आज सेंसेक्स 700 अंक और निफ्टी 200 से ज्याद अंक लुढ़क गया। विदेशी निवेशक बड़े पैमाने से भारतीय बाजार से पैसे निकाल रहे हैं। वहीं भारतीय निवेशक भी घबराए हुए हैं।

सोने हुआ महंगा –

दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव के कारण सोने की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है। भारत में सोमवार को सोना 41,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के मनोवैज्ञानिक स्तर को तोड़ते हुए नई ऊंचाई पर चला गया है। कहा जा रहा है कि अगले तीन महीने तक सोने और महंगे होंगे।

महंगाई बढ़ेगी –

कच्चे तेल के दाम बढ़ने से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा होगा। इसका सीधा असर लोगों की जेब पर पड़ेगा। सरकार लगातार महंगाई दर पर काबू पाने की कोशिश कर रही है। लेकिन, अमेरिका-ईरान के बीच युद्ध की स्थिति में महंगाई दर के मोर्चे पर सरकार को तगड़ा झटका लग सकता है।

वित्तीय घाटा –

ईरान और अमेरिका में तनाव से सरकार की आमदनी घट जाएगी और खर्चा बढ़ जाएगा। इससे वित्तीय घाटे के मोर्चे पर सरकार को झटका लग सकता है। बता दें कि 30 नवंबर तक देश का वित्तीय घाटा 8.07 लाख करोड़ रुपये का था।

बढ़ सकती है बेरोजगारी –

अमेरिका और ईरान में और तनाव बढ़ता है तो खासकर खाड़ी देशों में रह रहे लोग देश वापस आ जाएंगे। इससे भारत को आर्थिक मोर्चे पर काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योंकि खाड़ी देशों ज्यादातर लोग कमाने के लिए गए हैं और वहां से बड़ी तादाद में वो अपने घरों में पैसे भेजते हैं। जो पैसा आता है वो देश के विदेशी मुद्रा भंडार का एक अहम हिस्सा बनाता है। अगर ये लोग वापस आए तो भारत को काफी नुकसान होगा।

निवेश पर पड़ेगा असर –

अमेरिका और ईरान के बीच युद्ध होने पर भारत को काफी बड़ा आर्थिक नुकसान होगा। भारत का 100 बिलियन से ज्यादा का व्यापार खाड़ी देशों से होता है।  गौरतलब हो कि भारत और ईरान के बीच साल 2014 में चाहबहार बंदरगाह और जाहेदान रेल परियोजना को लेकर करार हुआ था। दोनों देशों के बीच चाहबहार बंदरगाह को विकसित करने के लिए भारत के 85 मिलियन डॉलर निवेश का समझौता हुआ था, युद्ध की स्थिति में इस पर भी असर पड़ेगा।

5 ट्रिलियन लक्ष्य का क्या होगा ? –

मोदी सरकार ने 2024 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला देश बनाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए भारत को अमेरिका और ईरान दोनों की अप्रत्यक्ष रूप से जरूरत होगी। बड़े पैमाने पर इन दोनों देशों से भारत में निवेश की उम्मीद की जा रही है। क्योंकि 5 ट्रिलियन इकोनॉमी के लिए विदेशी निवेशकों की अहम भूमिका होगी। जानकारों का कहना है कि सरकारी निवेश के जरिये इस लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सकता है। ऐसे में अमेरिक-ईरान के बीच युद्ध हुआ तो भारत इस लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाएगा।