पृथ्वी का 4,200 सालों का इतिहास अब कहलाएगा ‘मेघालयन काल’

नई दिल्ली/ समाचार ऑनलाइन

पृथ्वी के पिछले 4,200 सालों को अब ‘मेघालयन काल’ के नाम से जाना जाएगा। इस काल का आरंभ एक भयानक सूखे के साथ हुआ था। करीब दो सदी तक चले इस सूखे के दौरान दुनियाभर की कई सभ्यताएं नष्ट हो गई थीं। आपको बता दें कि पृथ्वी के अस्तित्व में आने के बाद से 4.6 अरब वर्षों को विभिन्न अवधि में बांटा गया है। वर्तमान में जिस अवधि में हम हैं, उसे ‘होलोसीने काल’ कहा गया है। 11,700 वर्ष की इस अवधि की शुरुआत आखिरी हिमयुग के खत्म होने के साथ हुई थी। इंटरनेशनल कमिशन ऑन स्ट्रेटीग्राफी (आईसीएस) के मुताबिक, ‘मेघालयन काल’ की अवधि 4,200 वर्ष पूर्व से लेकर 1950 तक बताई गई है। जिस सूखे से इसकी शुरुआत हुई उसका असर करीब दो सदी तक रहा था। इस दौरान मिस्र, ग्रीक, सीरिया, फलस्तीन, मेसोपोटामिया, सिंधु घाटी, यांगत्जे नदी के किनारे बसी कई सभ्यताएं नष्ट हो गई थीं।

कैसे होती है पहचान?
ध्यान देने वाली बात यह है कि किसी अवधि को अलग पहचान देने के लिए उस समय में कोई ऐसी घटना का होना जरूरी है जिसके सबूत पूरी पृथ्वी पर मिलते हों। यह किसी विशेष पत्थर या रसायन से भी संबंधित हो सकते हैं। अब तक की प्रत्येक अवधि में कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं घटी थीं। जैसे महाद्वीपों का बनना, जलवायु में परिवर्तन, किसी विशेष जानवर या पौधे की उत्पत्ति आदि। इरीडियम नामक तत्व के चिह्न मिलने को आधार बनाकर डायनोसोर के खात्मे और स्तनधारियों की उत्पत्ति के काल को विभाजित किया गया था।

कैसे पड़ा मेघालयन नाम?
भारत के मेघालय राज्य की गुफाओं में मिले स्टलैग्माइट ‘जिसे सरल भाषा में गुफा की छत से नीचे की तरफ बने चूने के खंभे कहा जा सकता है’, के आधार पर बीते 4,200 वर्षों को वैज्ञानिकों ने मेघालयन काल नाम दिया है। इसके साथ ही होलोसीन के शुरुआती चरण को ग्रीनलैंडियन और मध्य चरण को नार्थग्रीपियन कहा जाएगा। मध्य चरण 8,300 वर्ष पूर्व से मेघालयन काल से पहले की अवधि है। इसकी शुरुआत पृथ्वी के अचानक ठंडे होने से हुई थी।