आरक्षण की आग को सोशल मीडिया से मिल रही हवा

पुणे | समाचार ऑनलाइन

आरक्षण की मांग को लेकर पूरे महाराष्ट्र में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। मराठा क्रांति मोर्चा के बैनर तले चल रहा आंदोलन हिंसक हो चुका है। पिछले तीन दिनों से तोड़फोड़, मारपीट और आगजनी की खबरें सामने आ रही हैं। आरक्षण की इस आग को सोशल मीडिया से भी हवा मिल रही है। आंदोलन समर्थक सोशल मीडिया पर लगातार वीडियो, फोटो और संदेश पोस्ट कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प हो भी वायरल किया जा रहा है, ताकि लोगों में प्रशासन एवं सरकार के खिलाफ गुस्से और और भड़काया जा सके। इसी के मद्देनजर औरंगाबाद में सोशल मीडिया पर रोक लगा दी गई है।

महाराष्ट्र में पिछले तीन दिनों से आंदोलन के दौरान लगातार हिंसा की घटनाएं हो रही हैं। कहीं प्रदर्शनकारी वाहनों को आग के हवाले कर रहे हैं, तो कहीं पत्थरबाजी की जा रही है। इस प्रदर्शन के चलते गुरुवार को भी सड़क से लेकर रेल यातायात तक बुरी तरह प्रभावित रहा। औरंगाबाद से शुरू हुआ यह आंदोलन पूरे राज्य में फैल गया है। आज पुणे-मुंबई एक्सप्रेस-वे और पुराने हाईवे पर आरक्षण समर्थकों द्वारा चक्का जाम किया गया। वहीं, पुणे-लोनावला रेल मार्ग भी प्रदर्शन के चलते कुछ देर तक ठप रहा।

यहां सबसे ज्यादा असर

राज्य के सातारा, सांगली, कोल्हापुर, औरंगाबाद, नागपुर, पुणे और मुंबई में आंदोलन का सबसे ज्यादा असर देखने को मिल रहा है। कई जगहों पर पुलिसकर्मियों से हाथापाई की खबरें भी सामने आई हैं।

तेज़ी से फैल रहीं अफवाहें

सोशल मीडिया पर मराठा आंदोलन को लेकर अफवाहें तेज़ी से फैलाई जा रही हैं। औरंगाबाद  में भले ही सोशल मीडिया पर बैन लगा दिया गया हो, लेकिन राज्य के बाकी हिस्सों में ऐसी कोई रोक नहीं है। आंदोलन समर्थक तरह-तरह के मैसेज, वीडियो आदि शेयर कर रहे हैं, ताकि लोगों को बरगलाया जा सके।

रेल रोको-चक्का जाम करो

गौरतलब है कि आरक्षण के समर्थन में काकासाहब शिंदे नामक युवक ने औरंगाबाद की गोदावरी नदी में कूदकर जान दे दी थी। इस घटना के वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है। इसी घटना के चलते आंदोलन ने हिंसक रूप अख्तियार कर लिया है। इसके अलावा रेल रोको और चक्का जाम जैसे संदेश भी सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे हैं। प्रदर्शनकारी बड़े पैमाने पर हाईवे और रेलमार्गों को निशाना बना रहे हैं, क्योंकि इससे सरकार पर जल्दी और ज्यादा दबाव बनाया जा सकता है।