तमिलनाडु :18 विधायकों की सदस्यता का फैसला बड़ी बेंच करेगी

चेन्नई। समाचार एजेंसी

मद्रास हाई कोर्ट ने गुरुवार को 18 विधायकों की सदस्यता रद्द किए जाने के मामले में फैसला सुना दिया है। अन्नाद्रमुक के बागी नेता टीटीवी दिनाकरन के समर्थक 18 पार्टी विधायकों को अयोग्य करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर मद्रास हाईकोर्ट की दो जजों की बेंच ने विभाजित फैसला सुनाया है।

हाई कोर्ट चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने जहां स्पीकर द्वारा विधायकों की सदस्यता रद्द करने के फैसले को बहाल रखा, वहीं दूसरे जस्टिस एम सुंदर ने विधायकों की सदस्यता रद्द करने के खिलाफ फैसला सुनाया। इस फैसले से पलनिसामी सरकार को स्थाई राहत मिल गई है। गौरतलब हो कि इन सभी विधायकों को स्पीकर पी धनपाल ने अयोग्य ठहराया था।

इस मुद्दे पर फैसला विभाजित रहने के बाद अब निर्णायक फैसला तीन जजों की बेंच करेगी। इस फैसले से राज्य सरकार के गिरने का खतरा फिलहाल टल गया है। गौरतलब है कि बेंच अपना फैसला पहले ही रिजर्व कर चुकी थी। फैसला आने से पहले मुख्यमंत्री ई पलनिसामी अपने निवास पर सीनियर मंत्रियों के साथ बैठक करते रहे। दरअसल, अगर कोर्ट ने विधायकों की सदस्यता रद्द करने के फैसले को खारिज कर दिया होता तो सरकार को फ्लोर टेस्ट से गुजरना पड़ता, जिसमें उसके गिरने के आसार नजर आ रहे थे।

वर्तमान में तमिलनाडु में विधानसभा की 234 सीटें हैं। जिसमें से एआईएडीएमके के पास 114, डीएमके के पास 98 और टीटीवी के पास एक विधायक हैं। इसके अलावा 18 विधायक ऐसे हैं जिनकी किस्मत का फैसला मद्रास हाईकोर्ट के पास है। इन 18 विधायकों ने दूसरे लोगों के साथ मिलकर 22 अगस्त 2017 को राज्यपाल सी विद्यासागर से मुलाकात की थी। उनका कहना था कि वह पलानीस्वामी सरकार में अपना विश्वास खो चुके हैं। इन्होंने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था।