पानी कटौती पर भड़का विपक्ष और सत्तादल

पिंपरी। समाचार ऑनलाईन – सप्ताह भर के भीतर ही फिर से पानी कटौती का फैसला लागू किए जाने पर पिंपरी चिंचवड़ मनपा के विपक्षी और सत्तादल दोनों भड़क उठे हैं। विपक्षी नेता नाना काटे के नेतृत्व में राष्ट्रवादी कांग्रेस के नगरसेवकों के प्रतिनिधि मंडल ने सोमवार को मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर से मिलकर यह आरोप लगाया कि, टैंकर लॉबी के फायदे के लिए शहरवासियों पर फिर एक बार कटौती लादी गई है। कटौती वापस लेने की मांग को लेकर राष्ट्रवादी ने आंदोलन की चेतावनी दी है। वहीं सत्तादल के नगरसेवक प्रो उत्तम केंदले ने एक अलग विज्ञप्ति के जरिए पानी की किल्लत के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने नियोजनशून्य कामकाज के लिए दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

पवना बांध से समूचे मावल तालुका और पिंपरी चिंचवड़ शहर को जलापूर्ति की जाती है। गत साल रिटर्न ऑफ मानसून यानी वापसी की बारिश पर्याप्त नहीं होने के चलते एक मार्च से शहर में पानी कटौती शुरू की गई। पहले सप्ताह में एक दिन और उसके बाद 6 मई से एक दिन छोड़कर जलापूर्ति की जाने लगी। इस साल मूसलाधार बारिश से बांध शतप्रतिशत भरने के बाद पानी कटौती रद्द करने की मांग की जाने लगी। 9 अगस्त को पवना नदी का जलपूजन करने के बाद रोजाना जलापूर्ति की जाने लगी। इसके बाद भी लोगों को राहत नहीं मिल सकी। जलापूर्ति संबन्धी शिकायतें बढ़ने लगी। खुद सत्तादल भाजपा की नगरसेविका सुजाता पलांडे पर ‘शोले स्टाइल’ आंदोलन करने की नौबत आयी। मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर ने इस पर अपने अधिकारियों को हड़काया भी। मगर इसका कोई असर नहीं पड़ा और नियोजन के अभाव में पानी की किल्लत बनी रही।

आखिरकार सात दिन में कटौती रद्द करने का अपना फैसला वापस लेने की नौबत प्रशासन पर आयी। सोमवार से सप्ताह में एक दिन की कटौती लागू की जा रही है। इस पर भड़के विपक्षी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता नाना काटे, नगरसेवक मयूर कलाटे, जावेद शेख, शाम लांडे, पंकज भालेकर, प्रशांत शितोले आदि ने आज मनपा आयुक्त से मिलकर उन्हें कटौती रद्द करने के बारे में ज्ञापन सौंपा। राष्ट्रवादी के आंदोलन की चेतावनी के चलते पानी कटौती रद्द की गई। मगर हफ्ते भर में ही यह फैसला वापस लिया गया और आज से सप्ताह में एक दिन की कटौती लागू की गई। बांध में पर्याप्त जलसंचय रहने के बावजूद केवल टैंकर लॉबी को फायदा मिले इसके लिए पुनः कटौती लादे जाने का आरोप काटे ने लगाया है। वहीं भाजपा के नगरसेवक प्रो उत्तम केंदले ने आरोप लगाया है कि प्रशासन के नियोजनशून्य कामकाज के चलते शहर की जलापूर्ति व्यवस्था चरमरा गई है।

शहर में समान और सप्ताह भर 24 घन्टे जलापूर्ति के लिए करोड़ों रुपये फूंके गए हैं। इसके बाद भी शहर में पानी की कृत्रिम किल्लत निर्माण की जा रही है। स्मार्ट सिटी में शामिल मनपा शहरवासियों को नियमित जलापूर्ति तक नहीं कर पा रही है। इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मनपा से मोटी फीस के तौर ओर करोडों रुपए लेनेवाले सलाहकारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग भी उन्होंने की है।