नशे में थे एयर इंडिया के पायलट ; वापस बुलानी पड़ी एक फ्लाइट

नई दिल्ली। समाचार एजेंसी – पायलटों के नशे में रहने से रविवार का दिन एअर इंडिया के यात्रियों के लिए अच्छा नहीं रहा। एअर इंडिया की दो फ्लाइट के उड़ान से पहले होने वाले पायलट के ब्रीथ एनेलाइजर टेस्ट की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ा। एक पायलट ब्रीथ टेस्ट करवाना भूल गया तो फ्लाइट को वापस बुलाने की नौबत आई जबकि दूसरी फ्लाइट का पायलट दो बार ब्रीथ टेस्ट में फेल हो गया।

पहला मामला फ्लाइट एआई-111 का है, जिसे दिल्ली से लंदन जाना था। ब्रीथ एनेलाइजर टेस्ट में विफल होने पर एअर इंडिया ने विमान उड़ाने से रोक दिया. एअरलाइंस सूत्रों के अनुसार एअर इंडिया को उनके स्थान पर दूसरे पायलट को बुलाना पड़ा। इसके बाद विमान 55 मिनट की देरी से रवाना हुआ। इससे यात्रियों को असुविधा भी हुई।

दूसरा मामला फ्लाइट एआई-332 का है, जिसे दिल्ली से बैंकॉक जाना था। यह फ्लाइट अपने तय समय से आधे घंटे देरी से उड़ी, लेकिन आधे घंटे बाद ही इस फ्लाइट को वापस बुलाना पड़ा। बताया जा रहा है कि इस फ्लाइट का पायलट ब्रीथ टेस्ट करवाना भूल गया था, जिसके बाद यह कदम उठाना पड़ा। बड़ी बात यह है कि यात्रियों को इस बात की कोई जानकारी नहीं दी गई।

पहले भी कई बार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं. पीटीआई के अनुसार, एअरलाइंस के अधिकारी ने कहा, हमने कैप्टन ए के कठपालिया को उड़ान भरने से रोक दिया क्योंकि वह दो बार ब्रेथ एनालाइजर परीक्षण में विफल रहे थे। उन्हें नई दिल्ली से लंदन की उड़ान लेकर जानी थी, लेकिन वह उड़ान पूर्व ब्रीथ टेस्ट में विफल रहे। उन्हें एक और मौका दिया गया लेकिन दूसरा परीक्षण भी पॉजिटिव पाया गया जिसके बाद उन्हें उड़ान पर जाने से रोक दिया गया।

विमान नियमावली की नियम संख्या 24 उड़ान के शुरू होने से 12 घंटे पहले चालक दल के सदस्यों को किसी भी तरह के शराब युक्त पेय पदार्थों के सेवन से रोकती है। साथ ही नियम के अनुसार, उड़ान शुरू होने से पहले और बाद में चालक दल के सदस्यों को ब्रीथ टेस्ट से गुजरना अनिवार्य होता है। पहली बार इस तरह के उल्लंघन पर नागर विमानन महानिदेशालय के नियमों के मुताबिक तीन महीने के लिए उड़ान लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है। दूसरी बार उल्लंघन करने पर लाइसेंस तीन साल के लिये निलंबित कर दिया जाता है और तीसरी बार ऐसा होने पर उसे स्थायी रूप से रद्द कर दिया जाता है।