देश के दक्षिण इलाकों पर आतंकी हमले का साया

पुणे : समाचार ऑनलाईन – सेना के दक्षिण मुख्यालय के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एस. के. सैनी ने सोमवार को पुणे में बताया कि भारत-पाकिस्तान सीमा रेखा पर गुजरात के पास 96 किलोमीटर अंतर के सरक्रीक खाड़ी के प्रदेश को लेकर दोनों देशों में सीमा निश्चिती नहीं हुई है। लिहाजा यहां पर तथा देश के दक्षिण इलाकों में आतंकी हमले हो सकते हैं। लेकिन हम हमलों को जवाब देने के लिए तैयार है।

पुणे के कान्हे स्थित निर्माण किए गए आर्मी लाॅ काॅलेज का उद्घटन लेफ्टिनेंट जनरल सैनी ने किया। उसके बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सरक्रीक इलाके में खाली छोड़ी गई कुछ संदिग्ध बोट जब्त की गई है। उसकी जांच सेना द्वारा जारी है। आतंकी हमले के खतरे को देख एहतियात के तौर पर उक्त इलाके में सेना की क्षमता बढ़ा दी गई है। सरक्रीक संदर्भ का सीमा विवाद खत्म हो इसके लिए दोनों देशों में कई बैठक हुई है लेकिन अभी तक उस पर हल नहीं निकल सका है। दूसरी ओर देश के दक्षित इलाकें पर भी आतंकी हमले हो सकते हैं ऐसी जानकारी गुप्तचरों की है। उस दृष्टि से भी सुरक्षा उपाय योजनाएं की जा रही है। शत्रू राष्ट्र अथवा किसी भी आतंकी संगठन द्वारा हमला हुआ तो उसे समर्थ रूप से जवाब देने के लिए सेना सक्षम है।

जम्मू कश्मिर में हुए संघर्ष के पीछे बाह्य शक्ति वजह
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मिर में हुए संघर्ष के पीछे अंतर्गत वजहों के साथ बाह्य शक्ति भी एक वजह है। कश्मिर को लेकर भारत की नीति स्पष्ट है। इस इलाके में होनेवाले संघर्ष का सामना करने के केन्द्र सरकार की तैयारी है। साथ ही किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए सेना भी पूरी तरह से तैयार है। किसी के भी धमकियों से हमारी कार्यशैली में बदलाव नहीं आएगा। यह भी उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा।