कर्नाटक में मजदूर संगठन की हड़ताल का दूसरे दिन असर नहीं

बेंगलुरू (आईएएनएस) : समाचार ऑनलाईन – कर्नाटक में मजदूर संगठन द्वारा बुलाए गए दो दिवसीय बंद का दूसरे दिन कोई असर नहीं देखने को मिला। बुधवार को राज्य भर में सरकारी कार्यालयों में सामान्य रूप से काम हुआ और परिवहन भी सामान्य दिनों की तरह दिखा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) के साथ मिलकर सैकड़ों औद्योगिक इकाई के श्रमिकों ने कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच शहर के टाउन हॉल से राजभवन तक विरोध मार्च निकाला।

सरकारी कार्यालय, अस्पताल, वाणिज्यिक प्रतिष्ठान, बस और मेट्रो सेवाएं राज्य में काफी हद तक अप्रभावित रहीं। मजदूर संगठनों द्वारा श्रमिक अनुकूल कानूनों और योजनाओं की मांग के साथ 48 घंटे की राष्ट्रव्यापी हड़ताल मंगलवार से शुरू हुई। राज्य संचालित कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) ने राज्य भर में अपनी 4,100 बस सेवाओं में से लगभग 3,600 का संचालन किया।

बेंगलुरू की सड़कों पर बसें हालांकि कम नजर आईं। 4,100 निर्धारित बसों में से केवल 428 बसें ही सेवाएं देने के लिए तैनात थीं जिससे ओला और उबर जैसी सेवाओं की अधिक मांग देखी गई। राज्य के ऐसे स्कूल जिन्होंने हड़ताल को लेकर दो दिन की छुट्टी पहले से ही घोषित कर दी थी, वे बंद रहे जबकि कुछ स्कूल बुधवार को खुले।

मजदूर संगठनों ने लाल झंडे लहराते हुए कस्बों और शहरों में बाइक रैलियां निकालीं। हड़ताली संगठनों की 12 मांगों में कॉरपोरेट समर्थक संस्कृति व श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी संशोधनों को रोकना, मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक 2017 में प्रस्तावित परिवहन प्रणाली के निजीकरण का विरोध, महंगाई रोकने के लिए सार्वभौमिक सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत करना, किसानों की पूर्ण कर्ज माफी और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचने के अधिकार का कानून और स्थिर रोजगार सृजन के उपाय शामिल हैं।