चीन महामारी रोकथाम की खरीदारी के लिए भारत को देता रहा है सुविधा

बीजिंग, 15 मई (आईएएनएस)। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ छ्वनयिंग ने 14 मई को एक नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत में महामारी के प्रकोप के बाद चीन हमेशा से चीनी उद्यमों को प्रोत्साहित कर भारत के महामारी रोकथाम सामग्रियों को खरीदने के लिए सुविधा देता रहा है।

रिपोर्ट है कि हाल में हांगकांग स्थित भारतीय जनरल काउंसलर ने चीन सरकार से महामारी रोकथाम सामग्रियों के दाम पर हस्तक्षेप कर सप्लाई श्रृंखला को खोलने की अपील की। छ्वनयिंग ने कहा कि चीन भारतीय जनता की हालिया स्थिति के प्रति सद्भावना प्रकट करना चाहता है। चीन सबसे पहले भारत को मदद देने वाले देशों में से एक है। चीन के कई उद्यम और एनजीओ सक्रिय कार्रवाई कर भारत को विविधतापूर्ण मदद दे रहे हैं।

चीनी प्रवक्ता ने यह भी कहा कि चीन के संबंधित विभाग चीन के कई शहरों से भारत को संबंधित सामग्रियां देने की सुविधा दे रहे हैं। अप्रैल माह में चीन ने कुल मिलाकर भारत को 26000 वेंटिलेटर और ऑक्सीजन जनरेटर, 15000 मॉनिटर और 3800 टन दवाएं निर्यात किया। चीन के संबंधित उद्यम भारतीय ऑर्डरों के मुताबिक उत्पादन के लिए प्रयास कर रहे हैं। चीन आशा करता है कि विभिन्न पक्ष यथार्थ कदम उठाकर वैश्विक सप्लाई श्रृंखला और उद्योग श्रृंखला की स्थिरता और खुलेपन को सुनिश्चित करेंगे और राजनीतिक मकसद से वैश्विक सप्लाई श्रृंखला को नहीं काटेंगे।

दाम के बारे में चर्चा करते हुए हुआ ने कहा कि मांग के बढ़ने से वैश्विक सप्लाई श्रृंखला पर भी असर पड़ा है। कई कच्ची सामग्रियों का आयात यूरोप से होता है, सप्लाई के अपर्याप्त उत्पादन क्षमता पर भी असर पड़ा है। और तो और, भारत के व्यापारी आम तौर पर विविधतापूर्ण माध्यमों से मांग पेश की और विभिन्न माध्यमों से सामग्रियां खरीदते हैं, जिससे मांग का विस्तार किया गया और कुछ हद तक बाजार में दाम पर भी प्रभाव पड़ता है।

संवाददाता सम्मेलन में शिनच्यांग संबंधी मसले पर चर्चा करते हुए हुआ छ्वनयिंग ने कहा कि शिनच्यांग में जातीय नरसंहार होने की आलोचना बिलकुल निराधार है। अमेरिका उइगुर लोगों के अधिकारों का कतई ख्याल नहीं करता है। तथाकथित जातीय नरसंहार का आरोप भू-राजनीतिक हथियार और प्रसार युद्ध में हथियार ही है। आशा है कि अमेरिका आईने के सामने खुद को अच्छी तरह देखेगा और गलती कहनी और करना को दुरुस्त करेगा।

(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

–आईएएनएस

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