वे ठंड के मौसम में अपने अनिश्चितकालीन धरना जारी रखे हुए हैं। राज्य सरकार की तरफ से अभी तक बातचीत का बुलावा नहीं आया है।
7 दिसंबर को अगरतला में धरना शुरू करने वाले आंदोलनकारी शिक्षकों ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार की उस अपील को खारिज कर दिया है, जिसके लिए अलग-अलग विभागों में रिक्त पदों के लिए आवेदन किया गया था, जिसके लिए हाल ही में नोटिफिकेशन जारी किया गया था।
10,323 छंटनी किए गए सरकारी शिक्षकों में से 81 की मौत बीमारी सहित विभिन्न कारणों से हुई और उनमें से एक महिला सहित तीन ने आत्महत्या कर ली है।
आंदोलनरत शिक्षकों के छोटे बच्चे, बच्चे और परिवार के बुजुर्ग कभी-कभार आंदोलन में हिस्सा लेते थे, इसका नेतृत्व संयुक्त आंदोलन समिति (जेएमसी) करती है।
मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब और शिक्षा एवं कानून मंत्री रतन लाल नाथ दोनों ने कई मौकों पर आक्रोशित शिक्षकों से शिक्षा विभाग सहित विभिन्न विभागों में करीब 9 हजार रिक्त पदों के लिए प्रतिस्पर्धा करने का आग्रह किया है, जिसके लिए राज्य सरकार ने हाल ही में भर्ती की अधिसूचना जारी की थी।
–आईएएनएस
एसजीके